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तृणमूल के खिलाफ मुखर हुए सोमनाथ, कहा फिर लड़नी होगी आजादी की जंग

कोलकाता: कोलकाता नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की धांधली व हिंसा के खिलाफ लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी मुखर हुए हैं. गुरुवार को एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स के सामने सेव द डेमोक्रेसी की ओर से आयोजित विरोध सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान प्राण […]

कोलकाता: कोलकाता नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की धांधली व हिंसा के खिलाफ लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी मुखर हुए हैं. गुरुवार को एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स के सामने सेव द डेमोक्रेसी की ओर से आयोजित विरोध सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान प्राण देकर आजादी दिलायी थी, ताकि बोलने और अपनी बात रखने की स्वतंत्रता मिल सके.

केंद्र में भारी बहुमत के साथ सरकार चल रही है, राज्य में गणतांत्रिक सरकार है. फिर भी लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है. बंगाल में लोगों को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं. चुनाव एक विशेष परिस्थिति है, जब लोग अपना मत देकर अपने प्रतिनिधि का चयन करते हैं, लेकिन उनके इस अधिकार का हनन किया जा रहा है. कोई राजनीतिक दल यह सुनिश्चित नहीं करेगा कि लोगों का मताधिकार वह तय करे. स्वतंत्रता के 67 वर्षो के बाद भी यह स्थिति है, लोग अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं. यह सोच कर सिर शर्म से झुक जाता है. उन्होंने राज्य के चुनाव आयुक्त को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह उन्हें बोलपुर से जानता हैं. वह बोलपुर में एसडीओ थे.

राजभवन में भी रहे हैं, लेकिन बड़े-बड़े अधिकारी पार्टी के दास बनते जा रहे हैं. एक मतदान केंद्र पर 103 फीसदी वोट पड़े हैं. ज्योति बाबू 1972 में बरानगर से चुनाव लड़ रहे थे. सुबह 11 बजे तक 100 फीसदी मतदान हो गये थे. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि प्रतिरोध और प्रतिवाद करना ही होगा. इसका दायित्व आम लोगों को लेना होगा. रास्ते पर उतरना होगा. मीटिंग करनी होगी, लेकिन यह विरोध हत्या और हिंसा से नहीं होना चाहिए. इसी देश में अहिंसा के बल पर स्वतंत्रता हासिल की गयी. खुद की लड़ाई खुद लड़नी होगी. अपना अधिकार हासिल करना होगा. हिंसा व रक्तपात की जरूरत नहीं है. फिर से स्वाधीनता की लड़ाई लड़नी होगी. लोग अपना अधिकार नहीं छोड़ें और अपना अधिकार छीनें.

राज्य के पूर्व वित्त मंत्री व वयोवृद्ध माकपा नेता अशोक मित्र ने कहा कि लोगों को एकत्रित होकर अन्याय का मुकाबला करना होगा. समाज विरोधियों से मुकाबला करना होगा. अवकाशप्राप्त न्यायाधीश अशोक गांगुली ने कहा कि आम लोगों को रास्ते पर उतरने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन संविधान में उन्हें कार्रवाई करने का अधिकार दिया है.

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