कोलकाता: कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एक ग्रुप डी कर्मी को देर रात जूनियर डॉक्टर को उसके कमरे में जाकर बुलाना महंगा पड़ा. इससे गुस्साये अस्पताल के अन्य जूनियर डॉक्टरों ने ग्रुप डी के कर्मी को बुरी तरह पीट दिया. इसकी जानकारी मिलते ही शनिवार सुबह ग्रुप डी कर्मियों ने अस्पताल का कामकाज ठप कर दिया. बाद में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने हस्तक्षेप कर स्थिति को काबू में किया.
क्या था मामला
शुक्रवार देर रात करीब 12.10 बजे मेडिकल कॉलेज की इडेन बिल्डिंग के साइक्रेटिक विभाग में भरती एक मरीज की तबीयत अचानक खराब हो गयी. वहां की नर्स ने ग्रुप डी कर्मी असीत मुखर्जी को कॉल बुक थमा कर जूनियर डॉक्टर को बुलाने के कहा. आशीष चिकित्सक बुलाने अस्पताल की इजरा बिल्डिंग गया. उसने वहां ड्यूटी कर रही एक महिला जूनियर डॉक्टर को बुलाया. महिला डॉक्टर अपने रूम से बाहर तो आयी, पर उसके साथ साथ जाने से इनकार कर दिया. फिर वह अपने कमरे में घुस कर दरवाजा बंद कर दिया. आशीष ने फिर दरवाजा खटखटाया. इस पर चिकित्सक फिर जाने से इनकार कर दिया. आशीष अपने इडेन वार्ड में लौट गया. इस घटना के दो घंटे बाद करीब 2.15 बजे उक्त महिला चिकित्सक अन्य चिकित्सकों के साथ इडेन वार्ड पहुंची और आशीष को बुलाया. उस पर शराब पी कर काम करने का आरोप लगाया और मारपीट करने लगी. बचाव में आशीष के अन्य दो सहकर्मी राम स्वरूप राम व जयदेव मंडल पहुंचे. हमले में राम स्वरूप बुरी तरह से घायल हो गया. उसके सिर में चोट लगी है. उधर इस घटना के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने जबरन तीनों कर्मियों के रक्त के नमूने एकत्रित किये, ताकि वे यह साबित कर पाये की रात में ग्रुप डी कर्मी नशे की हालत में काम कर रहे थे.
अस्पताल के आउटडोर पर असर
इस घटना की खबर मिलते ही अस्पताल के अन्य ग्रुप डी कर्मी शनिवार सुबह करीब सात बजे से अस्पताल का कामकाज ठप कर हड़ताल पर चले गये, जिससे कामकाज प्रभावित रहे.
जांच कमेटी का गठन
प्रिंसिपल तपन कुमार लाहिड़ी ने एक कमेटी गठित की है. उन्होंने बताया कि दो से तीन दिन के भीतर उक्त जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंप देगी. इसके बाद इस घटना से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. जायजा लेने वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल मांझी व स्थानीय विधायक तापस राय भी पहुंचे.