गौरतलब है कि 30 मार्च को हाइकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्र पाल ने राज्य पुलिस को कंपनी के सभी कार्यालय व रिसॉर्ट को बंद करने का निर्देश दिया था. इसके बाद पुलिस ने कंपनी के मुख्यालय सहित अन्य कार्यालयों को बंद कर दिया है. एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ एमपीएस ग्रुप ने डिवीजन बेंच में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर ने कहा कि कंपनी द्वारा निष्क्रियता सहित अन्य, जो भी आरोप लगाये जा रहे हैं, वे बाद की बातें हैं.
पहले कंपनी निवेशकों का रुपया लौटाने के बारे में सोचे, इसलिए इस मामले में सभी पक्षों को शामिल कर सुनवाई की जायेगी, ताकि किस प्रकार से रुपये लौटाये जायंे, इसकी रूपरेखा तैयार की जा सके. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ कोई आदेश नहीं दिया और उसे ही बहाल रखा. मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी.