कोलकाता: चिट फंड घोटाले के प्रकाश में आने के बाद जहां राज्य के लाखों लोगों का भविष्य अंधेरे में डूब गया है, वहीं कोलकाता का सबसे प्रिय खेल फुटबॉल भी इस घोटाले से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जहां यूनाइटेड स्पोर्ट्स क्लब, मोहन बागान व इस्ट बंगाल जैसे बड़े क्लब को नये सीजन के लिए टीम गठन करने में दिक्कत आ रही है, वहीं चार वर्ष के बाद आइ लीग के फस्र्ट डिविजन में पहुंचने वाले मोहम्मडन स्पोर्टिग के लिए भी एक अच्छी टीम बनाने का सपना लड़खड़ाने लगा है.
आइ लीग के फस्र्ट डिविजन के लिए क्वालिफाइ करने के फौरन बाद मोहम्मडन स्पोर्टिग क्लब के अधिकारियों ने नये सीजन के लिए टीम गठन करने पर आठ से दस करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही थी, वहीं सारधा एवं अन्य चिट फंड कंपनियों का घोटाला सामने आने के बाद उनके हाथ सर पर पहुंच गये हैं. अब वही अधिकारी अगले वर्ष के लिए छह करोड़ की टीम गठन करने की बात करने लगे हैं.
इसमें से मोहम्मडन स्पोर्टिग क्लब का टायटल स्पांसर एमटा क्लब को तीन करोड़ रुपये देगा. वहीं आर्थिक समस्या से निपटने के लिए क्लब की कार्य समिति के सभी 25 सदस्यों को दस-दस लाख रुपये देने के लिए कहा गया है पर सभी के लिए इतना रूपया देना संभव नहीं है. इसलिए आर्थिक रूप से बेहद संपन्न सदस्यों को अधिक रुपया देने के लिए कहा गया है. इसके अलावा कुछ और स्पांसर की भी तलाश शुरू कर दी गयी है.