कोलकाता: अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार कर्मचारी कोऑर्डिनेशन कमेटी की ओर से महानगर के रानी रासमणि एवेन्यू पर धरना-प्रदर्शन व सभा की गयी. धरना प्रदर्शन बुधवार को अपराह्न करीब तीन बजे से शुरू हुआ जो शाम लगभग छह बजे तक चला.
इस मौके पर कोलकाता, हावड़ा व दक्षिण 24 परगना जिला के अंतर्गत कमेटी के सदस्य मौजूद रहे. इस मौके पर पश्चिम बंगाल सरकारी कर्मचारी कोर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष अशोक पात्र, उपाध्यक्ष आलोक बसु, उपाध्यक्ष शिखा मुखर्जी, चुनीलाल मुखर्जी, दीपंकर बागची, कुंतल कांति मंडल, प्रबीर राय समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे.
जनसभा को संबोधित करते हुए कोर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष अशोक पात्र ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही पश्चिम बंगाल सरकारी कर्मचारी कोऑर्डिनेशन कमेटी समेत अन्य कई सहयोगी संगठनों से जुड़े सरकारी कर्मचारियों पर बेवजह दबाव बनाया जा रहा है. तृणमूल सरकार श्रमिक संगठनों के नैतिक अधिकारों का हनन करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के हित की रक्षा के लिए सात सूत्री मांगों को लेकर राज्यभर में कोऑर्डिनेशन कमेटी की ओर से धरना प्रदर्शन व सभाएं की गयीं. महानगर में केंद्रीय रूप से कोऑर्डिनेशन कमेटी ने सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखीं.
क्या है मांगें : कमेटी की ओर से मांग की गयी है कि राज्य के तमाम सरकारी कर्मचारियों के बकाये बोनस व डीए का जल्द से जल्द भुगतान किया जाये. सरकारी संस्थानों में रिक्त पड़े पदों की जल्द पूर्ति हो. साथ ही पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस सिलेंडर के बढ़े कीमत को कम किया जाये.