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मृत गैर – शिक्षक के परिजनों को पेंशन देने का निर्देश

कोलकाता : नदिया जिले के कृष्णानगर के रहनेवाले मृत गैर- शिक्षक के परिजनों को कलकत्ता हाइकोर्ट ने पारिवारिक पेंशन देने का निर्देश दिया. गुरुवार को न्यायाधीश असीम कुमार बनर्जी व न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए एक महीने के अंदर सभी बकाया का भुगतान करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के […]

कोलकाता : नदिया जिले के कृष्णानगर के रहनेवाले मृत गैर- शिक्षक के परिजनों को कलकत्ता हाइकोर्ट ने पारिवारिक पेंशन देने का निर्देश दिया. गुरुवार को न्यायाधीश असीम कुमार बनर्जी व न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए एक महीने के अंदर सभी बकाया का भुगतान करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के वकील नारायण चंद्र मंडल ने बताया कि कृष्णानगर विप्रदास पाल चौधरी जूनियर टेक्नीकल स्कूल में गैर- शिक्षक की श्रेणी में ग्रुप डी स्टाफ के रूप में मनी राय कार्यरत थे. अपने कार्यकाल के दौरान ही 20.11.1977 को उनकी मौत हो गयी थी. हालांकि राज्य सरकार ने उनकी पत्नी को मुआवजा के रूप में सुलेखा राय को नौकरी तो दे दी, लेकिन पारिवारिक पेंशन के रूप में कुछ नहीं दिया. इस संबंध में उन्होंने कई बाद जिला शिक्षा प्रभारी को सूचित भी किया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद वर्ष 2009 में उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. इससे पहले न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने 29.8.2013 को तीन माह के अंदर राज्य सरकार को बकाया पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने उनके निर्देश का पालन नहीं किया. इसके बाद उन्होंने अदालत अवमानना का मामला दायर किया. इस मामले की सुनवाई के दौरान 16.1.2015 को राज्य सरकार ने चार सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं किया और इसके खिलाफ डिवीजन बेंच पर याचिका दायर की. सरकारी वकील ने कहा कि डीसीआरबी 1981 एक्ट के अनुसार, पत्नी को पेंशन पाने का अधिकार नहीं है, लेकिन हाइकोर्ट ने बात को खारिज कर दिया और एक महीने के अंदर बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया.

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