– सीबीआइ जांच पिता की मांग – भूखे पेट लड़ाई संभव नहीं हावड़ा. मुख्यमंत्री के आदेश पर मृतक अरूप भंडारी के छोटे भाई अमर को राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में नौकरी दी गयी है. सोमवार अमर प्रोग्राम असिस्टेंट कम डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर नौकरी ज्वाइंन की. पत्रकारों के सवालों के जवाब में उसने कहा कि नौकरी लेने का मकसद सरकार से कोई समझौता नहीं करना है. मेरी लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रहेगी लेकिन भूखे पेट लड़ाई संभव नहीं है. नौकरी के बाद मैं बेहतर तरीके से कानूनी लड़ाई लड़ सकता हूं. हालांकि अरूप की मौत के बाद अमर ने कहा था कि जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, मैं नौकरी ज्वाइंन नहीं करूंगा. इस बारे में पूछे जाने पर उसने बताया कि परिवार की स्थिति देखते हुए मैंने नौकरी ग्रहण किया है. नौकरी मिलने से सरकार व आरोपियों के साथ समझौता करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. सीआइडी जांच चल रही है. सीआइडी को समय देने की जरूरत है. दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. उम्मीद है कि बाकी फरार आरोपी भी जल्द गिरफ्तार होंगे.सीबीआइ जांच पिता की मांग-जहां एक ओर अमर ने सीआइडी को जांच के लिए समय देने की बात कहीं, वहीं दूसरी ओर इस हत्याकांड की सीबीआइ जांच के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. हालांकि इस बारे में उसने साफ तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन उसने कहा कि सीबीआइ जांच की मांग मेरे पिता प्रताप भंडारी ने की है. मैं अभी सीबीआइ जांच के पक्ष में नहीं था लेकिन पिता की जिद थी. सीआइडी को मोहलत देने की जरूरत है. देर सबेर सभी आरोपी गिरफ्तार होंगे.
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नौकरी लेकर सरकार से कोई समझौता नहीं-अमर(फो)
– सीबीआइ जांच पिता की मांग – भूखे पेट लड़ाई संभव नहीं हावड़ा. मुख्यमंत्री के आदेश पर मृतक अरूप भंडारी के छोटे भाई अमर को राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में नौकरी दी गयी है. सोमवार अमर प्रोग्राम असिस्टेंट कम डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर नौकरी ज्वाइंन की. पत्रकारों के सवालों के जवाब […]
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