कोलकाता. साहित्य संस्था, एखन बांग्लार मुख की ओर से वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बांग्ला साहित्य, विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें शिक्षाविद पवित्र सरकार, साहित्यकार शंकर लाल भट्टाचार्य, साहित्यकार सुतपा सेनगुप्ता, सुब्रत मंडल तथा विदिता भट्टाचार्य ने हिस्सा लिया. श्री सरकार ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालात को साहित्य के जरिये कलमबद्ध कर रखना चाहिए. राजनीतिक उपन्यासों की जरूरत है. लेकिन लेखक यदि किसी राजनीतिक दल का होता है तो उसे वह भूल कर साहित्य को आगे रख कर अपनी रचना पर ध्यान देना चाहिए. उपन्यास में वर्तमान की बातें कहनी होगी. शंकर लाल भट्टाचार्य ने कहा कि इतिहास राजनीति का हाथ पकड़ कर आता है. राजनीतिक उपन्यास कुछ नहीं होता. इतिहास को आधार बना कर राजनीतिक उपन्यास गढ़ने चाहिए. संस्था की सचिव कविता भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसी परिचर्चाओं का आयोजन वह हमेशा ही करते हैं.
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‘राजनीतिक परिदृश्य में बांग्ला साहित्य’ पर परिचर्चा
कोलकाता. साहित्य संस्था, एखन बांग्लार मुख की ओर से वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बांग्ला साहित्य, विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें शिक्षाविद पवित्र सरकार, साहित्यकार शंकर लाल भट्टाचार्य, साहित्यकार सुतपा सेनगुप्ता, सुब्रत मंडल तथा विदिता भट्टाचार्य ने हिस्सा लिया. श्री सरकार ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालात को साहित्य के जरिये कलमबद्ध कर रखना […]
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