उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों ही बातें बिल्कुल ही अप्रत्याशित थीं, लेकिन ये नतीजे भाजपा के लिए चेतावनी या वेक अप कॉल के रूप में साबित हो सकते हैं. इससे आवश्यक सीख लेने पर भाजपा का लाभ भी हो सकता है. आप की जीत मुख्यत: भाजपा के विरुद्ध एक स्थापित विरोधी पक्ष के रूप में उभर कर आ सकता है.
साथ ही यह भी संभावना है कि आप इस जीत के बाद अपने पैर फैलाने की कोशिश करते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश व यहां तक कि पश्चिम बंगाल में भी अपनी किस्मत आजमाना चाहेगी. उन्होंने कहा कि आप केवल भाजपा के लिए ही नहीं, बल्कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी व कम्युनिस्टों के लिए भी एक चुनौती साबित हो सकती है. जिस तरह से इस चुनाव में कांग्रेस के ज्यादा वोट आप पार्टी की ओर गये हैं.
यह इंगित करता है कि आप कांग्रेस की कमजोरी का लाभ उठाते हुए उसके द्वारा रिक्त किये गये राजनीतिक स्थान आप द्वारा कब्जा किया गया. लेकिन यह भी समझना होगा कि आप कुछ वर्षो का ही राजनीतिक दल है. उसके लिए यह विजय एक चुनौती ही नहीं, बल्कि करो या मरो की स्थिति पैदा कर सकता है, क्योंकि इतने भारी बहुमत के बाद असफलता पर सफाई देने के लिए उनके पास कोई कारण नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि बंगाल के संदर्भ में ममता बनर्जी ने आप को चुनाव के पहले केवल समर्थन ही नहीं दिया, बल्कि अरविंद केजरीवाल की जीत के बाद वह पहली मुख्यमंत्री थी, जिन्होंने ट्वीट कर केजरीवाल को बधाई दी, जो इस जीत के राष्ट्रीय राजनीतिक महत्व की ओर भी इशारा करता है.