जल्द नया मजदूरी समझौता लागू करने, बंद चाय बागान खोलने समेत अतिरिक्त भत्ता प्रदान करने की मांग में सोमवार को तराई-डुवार्स के प्रत्येक चाय बागान में चाय बागान श्रमिकों ने ‘भूखा जुलूस’ निकाला. सभी चाय बागानों में हजारों की तादाद में श्रमिक हाथ में थाली-बरतन लेकर जुलूस में कदम से कदम मिला कर चले. जलपाईगुड़ी शहर के करला वैली चाय बागान में भी कुछ ऐसी ही तसवीर देखी गयी.
इसके बाद इन मांगों के समर्थन में 19 फरवरी से 25 फरवरी तक तराई-डुवार्स के चाय श्रमिकों की ओर से लांग मार्च अभियान चलाया जायेगा.लांग मार्च के दौरान एक बागान के श्रमिक हाथों में मशाल लेकर जुलूस निकालते हुए दूसरे बागान में जायेंगे एवं वहां के श्रमिकों के हाथ में मशाल थमायेंगे. इस लांग मार्च में चाय श्रमिकों के अलावा विभिन्न चाय बागानों के आम लोग भी शामिल होंगे. यह जानकारी चाय श्रमिक संगठनों के ज्वाइंट फोरम के संयोजक जियाउर आलम ने दी. उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को मजदूरी समझौते को लेकर कोलकाता में भी आंदोलन का कार्यक्रम है.
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च 2013 को चाय बागान श्रमिकों की मजदूरी समझौते की मियाद पूरी हो गयी थी. इसके बाद बीच में और एक वित्तीय वर्ष बीत गया. हाल ही में मजदूरी समझौते को लेकर सिलीगुड़ी के उत्तर कन्या में आठवीं त्रिपक्षीय बैठक संपन्न हुई. आखिरी त्रिपक्षीय बैठक 16 दिसंबर 2014 को हुई. उस बैठक में राज्य के श्रम मंत्री पूर्णेदु बसु भी उपस्थित थे. इसदिन मालिक प्रबंधन की ओर से बताया गया था कि तीन सालों के लिए तीन चरणों में कुल 37 रुपये बढ़ाये जायेंगे.
यानी पहले साल के लिए 17 रुपये व अगले दो साल के लिए 10 रुपये मजदूरी वृद्धि की जायेगी. चाय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने मालिक पक्ष के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. चाय श्रमिक संगठनों ने वर्तमान बाजार मूल्य के तहत श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने की मांग की. साथ ही बंद चाय बागानों को खोलने, श्रम कानून का पालन करने व अतिरिक्त भत्ता देने की भी मांग की गयी.