कोलकाता: महात्मा गांधी की हत्या पूरे देश के लिए दुखद व शर्मनाक है. महात्मा गांधी सांप्रदायिकता के खिलाफ थे. कुछ दलों द्वारा सवाल उठाये जा रहे हैं कि क्या वामपंथी गांधीवादी नीतियों का समर्थन करने लगे हैं? ऐसा नहीं है. इतिहास में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं जिसमें वामपंथियों ने गांधीवादी नीतियों व सिद्धातों का विरोध किया है.
वामपंथी नीति के साथ गांधीवादी नीति का कोई तालमेल नहीं है. वर्तमान में देश की राजनीतिक दशा ऐसी हो गयी है कि गांधीजी की हत्या करने वाले नाथुराम गोड्से की मूर्ति बनाये जाने की बात हो रही है.
यह अच्छा संकेत नहीं है. देश की मौजूदा राजनीतिक दशा से सांप्रदायिक शक्तियों को बल मिल रहा है. यही वजह है कि वाममोरचा राज्य कमेटी की ओर से शुक्रवार को राज्यभर में सांप्रदायिक सौहार्द दिवस का पालन किया गया. ये बातें वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने कहीं. वे वाइ चैनल पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर अन्य वामपंथी नेतागण भी मौजूद थे. बसु ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है. यहां हर जाति, धर्म व भाषा को समान रूप से देखा जाता है. लेकिन देश की मौजूदा राजनीतिक दशा जमहूरियत के लिए खतरा बन गयी है. आरोप के मुताबिक खुलेआम विहिप व उससे जुड़े संगठन धर्मातरण को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. वीरभूम में भी लोगों का धर्मातरण कराया गया. ऐसी संस्कृति हमारे देश की नहीं है. विभेद की राजनीति कर लोगों को अलग करने की कोशिश सही नहीं है. देश की एकता, अखंडता व सद्भावना के लिए वामपंथी लगातार आंदोलन करेंगे.
तृणमूल कांग्रेस की कोई नीति नहीं
सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस की कोई नीति व आदर्श नहीं है. राज्य में महिलाओं पर होने वाले आपराधिक मामलों पर अंकुश नहीं लग रहा है. यह आरोप राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने लगायी है. राज्य की मौजूदा स्थिति व नयी कार्यसूची को लेकर शुक्रवार को वाममोरचा राज्य कमेटी की बैठक हुई. बैठक के बाद बसु संवाददाताओं से मुखातिब हुए थे. तृणमूल नेता मुकुल राय से सीबीआइ अधिकारियों द्वारा पूछताछ के मसले पर उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिए सीबीआइ ने शायद पहले से ही प्रश्नों की सूची तैयार कर ली थी. बयान रिकार्ड की बात सामने आयी है. अब उन तथ्यों की जांच की जा सकती है. जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर जिरह के लिए बुलाया जा सकता है. जो भी हो सारधा कांड के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. वामपंथी शुरू से ही इसकी मांग करते आये हैं. अगली कार्यसूची के बारे में उन्होंने बताया कि आगामी छह फरवरी को महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ महानगर में विरोध रैली निकाली जायेगी. विरोध रैली रामलीला मैदान से निकाली जायेगी जो कॉलेज स्क्वायर के निकट समाप्त होगी.