विरोधियों का कहना है कि मुकुल राय ने सोचा था कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने पर अदालत यदि किसी पर्यवेक्षक को नियुक्त कर देती है तो इससे सीबीआइ को लगाम लग सकती है. इससे उन्हें राहत मिलती. लेकिन अब यह संभावना बेहद कम हो गयी है. राज्य सरकार व तृणमूल कांग्रेस की ओर से दायर मामले के अलावा मुख्यमंत्री व राज्य के कानून मंत्री के खिलाफ दायर किये गये अदालती अवमानना के दो अन्य मामले की सुनवाई भी मंगलवार को निर्धारित थी. लेकिन यह नहीं हुई.
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30 को मुकुल से हो सकती है पूछताछ
कोलकाता: सारधा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका की सुनवाई मंगलवार को टल गयी. न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर व न्यायमूर्ति नागाप्पन के व्यस्त रहने के कारण मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. मामले की अगली सुनवाई कब होगी इस संबंध में अभी कुछ नहीं बताया गया है. संभावना है […]
कोलकाता: सारधा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका की सुनवाई मंगलवार को टल गयी. न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर व न्यायमूर्ति नागाप्पन के व्यस्त रहने के कारण मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. मामले की अगली सुनवाई कब होगी इस संबंध में अभी कुछ नहीं बताया गया है. संभावना है कि एक-दो दिन में सुनवाई की तिथि तय हो जायेगी.
सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस महासचिव व सांसद मुकुल राय से अब 30 जनवरी को पूछताछ हो सकती है. पहले वह 28 जनवरी को सारधा मामले में सीबीआइ के समक्ष पेश होने वाले थे. सूत्रों का मानना है कि सीबीआइ के सामने अपनी पेशी को राय अब और नहीं टाल सकते. गौरतलब है कि मुकुल ने कहा था कि मामले की सुनवाई देख कर ही वह सीबीआइ के सामने जायेंगे. सीबीआइ ने उन्हें शुक्रवार 30 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है.
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