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तृणमूल के एक और विधायक का पार्टी से अलग सुर

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस को हाशिए पर धकेलने के लिए सीबीआइ के राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल होने के अपनी पार्टी के दावे के खिलाफ जाते हुए विधायक सब्यसाची दत्ता ने कहा कि तृणमूल महासचिव के खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा जारी समन के पीछे कोई वजह जरूर रही होगी. श्री दत्ता ने एक समाचार चैनल […]

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस को हाशिए पर धकेलने के लिए सीबीआइ के राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल होने के अपनी पार्टी के दावे के खिलाफ जाते हुए विधायक सब्यसाची दत्ता ने कहा कि तृणमूल महासचिव के खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा जारी समन के पीछे कोई वजह जरूर रही होगी. श्री दत्ता ने एक समाचार चैनल से कहा कि यह समझा जाता है कि अगर धुआं है तो आग भी होगी.

सीबीआइ के समन के पीछे कोई वजह अवश्य रही होगी. दरअसल, उनसे सारधा घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की गिरफ्तारी और पार्टी महासचिव मुकुल राय को समन जारी किये जाने के बारे में प्रतिक्रिया मांगी गयी थी. उन्होंने कहा कि वह सारधा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्त सेन को जानते हैं. वह रोजवैली के गौतम कुंडू को भी जानते हैं.

वह व्यक्तिगत तौर पर कुणाल घोष को भी जानते हैं. सौभाग्य से या दुर्भाग्य से उन्होंने (कुणाल घोष ने) सीबीआइ के सामने उनका नाम नहीं लिया. न ही एसआइटी ने उन्हें बुलाया. यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं, श्री दत्ता ने कहा, कि अब तक वह तृणमूल के विधायक हैं और पार्टी द्वारा उन्हें निकाले जाने तक बने रहेंगे. श्री दत्ता की टिप्पणी तृणमूल के आधिकारिक रुख के खिलाफ है जिसमें कहा गया था कि बंगाल में तृणमूल को हाशिए पर धकेलने के लिए भाजपा सीबीआइ का इस्तेमाल कर रही है. हाल में सांसद दिनेश त्रिवेदी और देवब्रत बंद्योपाध्याय सहित तृणमूल के कई नेताओं के पार्टी विरोधी बयान के बाद उनकी टिप्पणी आई है.

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