कोलकाता. 3000 करोड़ रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में सारधा के मालिक सुदीप्त सेन के साथ तृणमूल नेताओं में वृहत्तर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है. आरोप है कि सेन को चिटफंड का कारोबार पूरे राज्य में फैलाने में तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से प्रश्रय दिया. इसके साथ ही सारधा चिटफंड कंपनी के विस्तार में मदद दी. आरोप है कि सुदीप्त सेन द्वारा शुरू किये गये मीडिया संस्थान ने तृणमूल कांग्रेस का स्तुतिगान किया. आरोप है कि मुकुल राय के सुदीप्त सेन के साथ घनिष्ठ संबंध थे. वह मिडलैंड पार्क स्थित सुदीप्त सेन के कार्यालय जाते थे. अप्रैल, 2013 के पहले सप्ताह में सुदीप्त सेन के श्रीनगर भागने के पूर्व उन्होंने राय के साथ निजाम पैलेस में बैठक की थी. इसके साथ ही सुदीप्त सेन के भागने के एक सप्ताह के बाद 18 अप्रैल, 2013 को दिल्ली में मुकुल राय के घर पर बैठक हुई थी. इस बैठक में आसिफ खान, रजत मजूमदार व सुदीप्त सेन मौजूद थे. मुकुल राय के घनिष्ठ सहयोगी पूर्व तृणमूल नेता आसिफ खान, पूर्व डीजीपी व तृणमूल नेता रजत मजूमदार, कुणाल घोष ने भी सुदीप्त सेन के साथ मुकुल राय के घनिष्ठ संबंध का खुलासा किया है. उन्होंने सुदीप्त सेन को आश्वासन दिया था कि वह सुदीप्त सेन को जांच से बचायेंगे तथा कानून के शिकंजे से बचायेंगे और वह इसके एवज में आर्थिक लाभ हासिल किया था.
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तृणमूल नेताओं पर क्या हैं आरोप
कोलकाता. 3000 करोड़ रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में सारधा के मालिक सुदीप्त सेन के साथ तृणमूल नेताओं में वृहत्तर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है. आरोप है कि सेन को चिटफंड का कारोबार पूरे राज्य में फैलाने में तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से प्रश्रय दिया. इसके साथ ही सारधा चिटफंड कंपनी के […]
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