कोलकाता: फिर राज्य चुनाव आयोग व राज्य सरकार आमने सामने हैं, लेकिन इस बार नगरपालिका चुनाव को लेकर. अपना कार्यकाल पूरा कर लेनेवाली 13 नगरपालिकाओं के चुनाव को लेकर फैसला शुक्रवार को होगा.
कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ यह फैसला सुनायेगी. राज्य चुनाव आयोग की मांग है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में चुनाव कराये जायें. राज्य की ओर से अदालत में आवेदन किया गया था कि सितंबर के पहले सप्ताह में चुनाव कराया जाये. गत 17 जुलाई को हाइकोर्ट ने निर्देश दिया था कि चुनाव की तारीख को लेकर सलाह करने के बाद तीन दिनों में अदालत को उसकी जानकारी दी जाये. जिन नगरपालिकाओं का कार्यकाल खत्म हो गया है, वे हैं- मेदिनीपुर, बर्दवान, गुसकरा, चाकदह, डायमंड हार्बर, पानीहाटी, हाबरा, दुबराजपुर, बालुरघाट, डालखोला, अलीपुरदुआर, नेखलीगंज व हल्दीबाड़ी. इनमें मेदिनीपुर का पुनर्विन्यास व सीट आरक्षण का काम अब भी पूरा नहीं हुआ है.
नगरपालिका के सचिव अदालत के निर्देश के मुताबिक गत 18 जुलाई को आयोग के दफ्तर में बैठक के लिए गये, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. आयोग 12 नगरपालिकाओं का चुनाव 22 सितंबर को कराना चाहता है, वहीं सरकार यह चुनाव सात सितंबर को कराना चाहती है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान भी स्थिति जस की तस बनी रही. एडवोकेट जनरल ने फिर कहा कि सात सितंबर को ही सरकार चुनाव कराना चाहती है. इसका कारण है कि 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है. उसके बाद राज्य में दुर्गा पूजा का उत्सव शुरू हो जाता है.
आयोग के वकील ने कहा कि वह हद से अधिक 20, 21 व 22 सितंबर को चुनाव करा सकता है. आयोग का कहना था कि पंचायत चुनाव के एक महीने बाद ही नगरपालिका चुनाव की तैयारी को अंजाम देना संभव नहीं है. इस पर अदालत ने एडवोकेट जनरल को राज्य सरकार से इस बाबत निर्देश लेने के लिए कहा. हालांकि बाद में अदालत में एडवोकेट जनरल ने कहा कि उन्हें अभी निर्देश नहीं मिला है और वह इसके लिए वक्त चाहते हैं. इस पर अदालत ने शुक्रवार का दिन अगली सुनवाई के लिए निर्धारित किया. इस दिन यदि राज्य सरकार की ओर से तिथि नहीं बतायी गयी, तो अदालत फैसला सुनाते हुए तिथि निर्धारित कर देगी.