हल्दिया. हल्दिया में एक के बाद एक कारखानों के बंद होने का सिलसिला जारी दिख रहा है. इसके पीछे बाजार में घटती मांग के अलावा श्रमिक समस्या और तृणमूल के श्रमिक संगठनों के बीच आपसी विवाद भी जिम्मेदार है. कारखाना प्रबंधन त्रिकोणीय समस्या से परेशान है. हल्दिया पेट्रोकेमिकल, मित्शुबिशी की स्थिति पहले ही लचर है. एल्यूमीनियम कारखाने मानिकसिया ने सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगा दिया है. अब श्रमिक असंतोष के चलते प्लास्टिक पाइप उत्पादन करने वाला कारखाना लालबाबा सीमलेस भी बंद होने की कगार पर है. नुकसान की भरपाई के लिए गत एक जनवरी को प्रबंधन ने 38 श्रमिकों की छंटनी की थी. इन्हंे पुन: बहाल करने की मांग पर श्रमिकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. स्थानीय थाने की मध्यस्थता से कारखाना चालू होने पर भी श्रमिक असंतोष की वजह से यह फिर बंद हो गया. गत बुधवार को समस्या के समाधान के लिए श्रमिकों व प्रबंधन के बीच बैठक हुई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. गुरुवार से कारखाने का उत्पादन बंद है. शुक्रवार सुबह कारखाने के गेट के सामने श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया. फैक्टरी मैनेजर विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि अस्थायी कुछ कर्मचारियों को हटाने के बाद स्थायी कर्मचारियों को भी काम पर आने से रोका जा रहा है. बाजार में आपूर्ति न कर पाने के कारण रोजाना आठ से नौ लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसा ही चलता रहा तो कारखाना पूरी तरह से बंद कर देना होगा. हालांकि तृणमूल श्रमिक संगठन के मुताबिक स्थिति के लिए कारखाना प्रबंधन जिम्मेदार है.
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हल्दिया लालबाबा सीमलेस की समस्या बरकरार
हल्दिया. हल्दिया में एक के बाद एक कारखानों के बंद होने का सिलसिला जारी दिख रहा है. इसके पीछे बाजार में घटती मांग के अलावा श्रमिक समस्या और तृणमूल के श्रमिक संगठनों के बीच आपसी विवाद भी जिम्मेदार है. कारखाना प्रबंधन त्रिकोणीय समस्या से परेशान है. हल्दिया पेट्रोकेमिकल, मित्शुबिशी की स्थिति पहले ही लचर है. […]
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