23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऑटोग्राफ हुआ पुराना, आया सेल्फी का जमाना

कोलकाता. ऑटोग्राफ को पीछे छोड़ते हुये वर्ष 2014 के दौरान भारत में सेल्फी शहरी संस्कृति के एक हिस्सा के रूप में उभर कर सामने आयी. चाहे नया हेयर स्टाइल दिखाना हो या किसी सेलिब्रिटी से मुलाकात की खबर देनी हो या फिर दोस्तों के साथ पार्टी या किसी सुंदर जगह की सैर की जानकारी देनी […]

कोलकाता. ऑटोग्राफ को पीछे छोड़ते हुये वर्ष 2014 के दौरान भारत में सेल्फी शहरी संस्कृति के एक हिस्सा के रूप में उभर कर सामने आयी. चाहे नया हेयर स्टाइल दिखाना हो या किसी सेलिब्रिटी से मुलाकात की खबर देनी हो या फिर दोस्तों के साथ पार्टी या किसी सुंदर जगह की सैर की जानकारी देनी हो, सेल्फी लाखांें लोगों की पसंद बन गयी है. सेल्फी का मतलब खुद की तसवीर लेना है और फिलहाल यह खुद को अभिव्यक्ति करने का बेहतर माध्यम माना जा रहा है. फिल्म अभिनेता शाहरुख खान जब महानगर में अपनी फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के प्रचार के लिए सेंट जेवियर्स कॉलेज पहुंचे थे तब किसी ने कागज-कलम निकाल कर उनसे ऑटोग्राफ देने का आग्रह नहीं किया, इसके बजाय हर कोई मोबाइल फोन उनके चेहरे के पास ले जाकर क्लिक कर रहा था ताकि उसे तुरंत फेसबुक पर डाला जा सके. ऑस्ट्रेलियाइ क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी रहे शेन वार्न ऑटोग्राफ युग की समाप्ति की घोषणा करने वाले पहले व्यक्तियों में शामिल थे. मई में उन्होंने ट्वीट किया था कि आठ बजे सुबह से पहले, सुबह की सैर के दौरान अब तक लोगों के साथ पांच सेल्फी ली है और इसके साथ मुझे लगता है कि ऑटोग्राफ का युग समाप्त हो गया है. ऐसा नहीं है कि सेल्फी का जादू सिर्फ युवाओं और छात्रों पर छाया है, राजनेताओं, फिल्मी हस्तियों, खिलाडि़यों, आम लोगों और यहां तक की पोप भी सेल्फी का इस्तेमाल कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बार सेल्फी ली. वह जब अपनी मां से मिलने गए तो उस वक्त भी सेल्फी लिया. उनकी यह सेल्फी बेहद लोकप्रिय हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें