कोलकाता: छोटे से छोटे मुद्दे पर एक दूसरे की टांग खींचने वाले कोलकाता नगर निगम के विभिन्न दलों के पार्षद इस बात पर सहमत हैं कि शहर में अवैध पार्किग की समस्या एक विकराल रूप धारण करती जा रही है.
पर निगम के विभागीय मेयर परिषद देवाशिष कुमार का कहना है कि अवैध पार्किग की समस्या से निबटना निगम का नहीं, पुलिस का काम है. अवैध पार्किग के मुद्दे पर तृणमूल पार्षद जूही विश्वास द्वारा पेश किये गये एक प्रस्ताव का जवाब देते हुए श्री कुमार ने कहा कि अवैध पार्किग को रोकना हमारा काम नहीं है, यह पुलिस की जिम्मेदारी बनती है, क्योंकि पुलिस ही हमें प्रस्ताव देती है कि किस सड़क पर और उस सड़क के किस हिस्से पर पार्किग करना है. उस जगह पर कितनी गाड़ियां पार्क की जायेंगी, यह भी पुलिस ही निर्धारित करती है. पुलिस के प्रस्ताव के अनुसार ही हम लोग पार्किग लॉट की नीलामी करते हैं.
जब सब कुछ पुलिस तय करती है तो अवैध पार्किग पर काबू पाना भी पुलिस का ही काम है. इससे पहले यह मुद्दा उठाते हुए तृणमूल पार्षद जूही विश्वास ने कहा कि दक्षिण कोलकाता में यह समस्या इतनी बढ़ चुकी है कि गैरेज से गाड़ी निकालना तक मुश्किल हो गया है.
भाजपा पार्षद विजय ओझा ने कहा कि यह शहर के किसी एक हिस्से की नहीं, बल्कि पूरे शहर की समस्या है, जिससे सबसे अधिक प्रभावित बड़ाबाजार है. जहां अवैध पार्किग के कारण घर से निकलने तक में परेशानी होती है. गलियों का वजूद तक खत्म होता जा रहा है. पूरे बड़बाजार में पार्किग माफिया का राज चल रहा है. पार्षद के हाथ में कुछ भी नहीं है. दूसरे दोनों हाथों से लूट रहे हैं. पार्किग में गाड़ियों से माल उतारा व लादा जाता है. अवैध पार्किग के कारण बड़ाबाजार में एंबुलेंस का आना व जाना तक मुश्किल हो गया है.