कोलकाता: चिट फंड कंपनी ‘सारधा’ के मालिक सुदीप्त सेन को बेशक जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया जा रहा है. लेकिन उसके फरार होने और फिर गिरफ्तारी पर कई सवाल उठ रहे हैं.
खास कर उत्तराखंड पुलिस की भूमिका की चर्चा है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी आदेश जारी होने के समय सारधा समूह का प्रमुख सुदीप्त उत्तराखंड पुलिस की हिरासत में था. उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उसके उत्तरी भारत के किसी राज्य में होने की बात कही थी.
लेकिन सुदीप्त पकड़ा गया सोनमर्ग से. आखिर क्या वजह थी कि हिरासत में लेने के बावजूद उत्तराखंड पुलिस ने उसे रिहा कर दिया. जिसके चलते उसे दिल्ली के रास्ते श्रीनगर पहुंचने का मौका मिल गया. वहां से वह विदेश भागने की फिराक में था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुदीप्त की गिरफ्तारी को लेकर कोलकाता पुलिस भी सक्रिय थी. लिहाजा स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की तरफ से दूसरे राज्यों को सुदीप्त का विवरण देकर इस नाम के व्यक्ति पर नजर रखने को कहा गया था.
यह जानकारी देने के बाद कोलकाता पुलिस को सूचना मिली कि सुदीप्त को उत्तराखंड पुलिस ने हिरासत में लिया है. जब तक पुलिस की टीम उनसे संपर्क करती तब तक कथित ‘आर्थिक समझौता’ कर वह उत्तराखंड पुलिस की गिरफ्त से बाहर हो गया. कोलकाता पुलिस की टीम जब वहां पहुंची तो उन्हें यह कहा गया कि किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ के लिये हिरासत में नहीं रखा जा सकता.
लिहाजा पूछताछ में उससे कोई ठोस जानकारी नहीं मिलने के कारण उसे रिहा कर दिया गया. चर्चा तो यह भी है कि संभवत: राज्य सरकार को सुदीप्त की गिरफ्तारी के लिए मोहलत चाहिए थी. जनाक्रोश से निपटने की चिंता थी. इसीलिए उसे गिरफ्तार करने में देरी हुई.