कोलकाता: राज्य सरकार ने यहां के जूट उद्योग को बचाये रखने के लिए एक नयी पॉलिसी बनाने का फैसला किया है. इस पॉलिसी को बनाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मंत्रियों की कमेटी बनायी गयी है.
यह कमेटी जूट पॉलिसी को लेकर नीतियां तैयार करेगी. इस कमेटी में राज्य के उद्योग व वाणिज्य और वित्त मंत्री डॉ अमित मित्र, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी, कृषि मंत्री पुर्णेदु बसु व श्रम मंत्री मलय घटक को रखा गया है. मंत्री समूह ने बैठक कर पॉलिसी बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने 15 दिनों में पॉलिसी का ड्राफ्ट बनाने का निर्देश दिया है. इसमें जूट उद्योग के श्रमिकों की मांग, उनकी समस्याएं के निवारण व जूट उद्योग के संभावित कारोबार की जानकारी दी जायेगी. राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में ड्राफ्ट बनाने के लिए विभिन्न श्रमिकों संगठनों के साथ बैठक की जायेगी. साथ ही मिल मालिकों की भी राय ली जायेगी. गौरतलब है कि राज्य में जूट मिलों की स्थिति के लिए हमेशा से ही केंद्र पर ही सवाल उठे हैं, क्योंकि पाट की कीमत से लेकर जूट बैग की खपत तक, सभी कार्यो का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार यहां के जूट उद्योग की समस्याओं को रोकने के लिए विशेष पॉलिसी बना रही है, जिससे कुछ समस्याओं का समाधान राज्य स्तर तक किया जा सके.
बताया जाता है कि राज्य में धान, चावल व आलू को रखने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार जूट बैग का प्रयोग अनिवार्य करने जा रही है, जिससे राज्य में ही इसकी खपत को बढ़ाया जा सके. इससे यहां के जूट उद्योग को काफी लाभ होगा. साथ ही राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से चीनी व अन्य अनाजों को रखने के लिए भी जूट बैग का प्रयोग करने की मांग की है. बताया जाता है कि जूट से बैग के साथ ही अब अन्य उत्पाद भी बनाने की योजना बनायी जा रही है, जिससे इसका बहुमुखी प्रयोग किया जा सके.