कोलकाता: महानगर के पोर्ट इलाके के राजाबागान के निकट हुगली नदी में नाव पलटने से कई लोग नदी में डूब गये. घटना के समय नाव में तीस से ज्यादा लोग सवार थे. पुलिस के मुताबिक इस घटना में 28 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. जबकि तीन लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. इसमें दो मां बेटी व एक नाव का नाविक शामिल है. नाव पर दस बोरी चावल, चार बाइक व सात साइकिल भी लदे थे. विशेष व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) जावेद शमीम ने बताया कि इस घटना के बाद राजाबागान थाने की पुलिस ने उस नाव के दो नाविक को हिरासत में ले लिया है.
कैसे घटी घटना
घटना के समय नाव में मौजूद यात्री समर सास्मल ने बताया कि सुबह दस बजे के करीब पोद्दार घाट से करीब 40 यात्रियों को लेकर राजाबागान घाट के लिये नाव चली थी. वारदात के समय नदी में ज्वार ज्यादा होने के कारण काफी तेज बहाव था. इससे नाव इस पार आते समय नियंत्रण खोकर राजाबागान घाट को छोड़कर गार्डेनरीच शिप बिल्डिंग की तरफ बढ़ गयी. इससे नाव में सवार यात्री दहशत में आ गये.
उसी समय गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स के 44 नंबर गेट के पास नदी में जेटी पर खड़े राजदूत बोट की रस्सी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. इससे नाव एक तरफ झुक गयी और अनियंत्रित होकर पलट गयी. कई लोग बहाव के कारण जेटी के अंदर दब गये.
क्या हुई लापरवाही
पुलिस के मुताबिक बुधवार को स्टीमर परिसेवा बंद होने के कारण नाव में जरूरत से ज्यादा लोग सवार थे. इस तरह के नाम में 20 से 25 लोगों के सवार होने की क्षमता है, लेकिन उसमें 30 से अधिक यात्री सवार थे. यही नहीं उसमें साइकिल, बाइक और चावल की बोरियां भी लदी थी. जिसके कारण यह घटना घटी. घटना की जानकारी मिलते ही कोलकाता पुलिस के आपदा प्रबंधक की टीम को मौके पर भेजा गया. घटना गार्डेनरीच शिपबिल्डिंग के पास होने के कारण वहां के कर्मी राहत और बचाव कार्य में जुट गये. जिसके कारण अधिकतर लोगों की जान बच गयी. वरना एक बड़ी घटना घट सकती थी. घटना के बाद रिवर पुलिस के गोताखोरों को नदी में उतारकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन तीन लोगों का अबतक सुराग नहीं है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
एक माह पहले भी पलटी थी नाव
ज्ञात हो कि एक माह पहले भी बाउड़िया के पुजारी घाट में गत 13 मार्च को नाव पलट गयी थी. इसमें तीन लोगों की मौत हुई थी. लेकिन इस घटना के बावजूद यहां नदीं में चलने वाली नाव पर जरूरत से अधिक यात्रियों के सवार होने पर लगाम नहीं कसा जा सका.