कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ठोस राजनीतिक जमीन की तलाश कर रही भाजपा राज्य की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर सारधा चिटफंड कंपनी को लेकर आरोप लगाती रही है. वहीं लाल डायरी में अमित शाह के नाम होने का आरोप लगाकर टीएमसी ने भाजपा व शाह को घेरने की कोशिश की है.टीएमसी सांसदों […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ठोस राजनीतिक जमीन की तलाश कर रही भाजपा राज्य की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर सारधा चिटफंड कंपनी को लेकर आरोप लगाती रही है.
वहीं लाल डायरी में अमित शाह के नाम होने का आरोप लगाकर टीएमसी ने भाजपा व शाह को घेरने की कोशिश की है.टीएमसी सांसदों का आरोप है कि बीते दिनों जब सहारा ग्रुप के ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे पड़े थे तो एक लाल डायरी मिली थी, जिसमें अमित शाह का भी नाम है. इसी बहाने अमित शाह टीएमसी के निशाने पर हैं.
इस तरह से अब टीएमसी को भी भाजपा को घेरने के लिए धोखाधडी के आरोपी सहारा कंपनी का सहारा मिला गया है.अब दोनों की लडाई आर-पार की हो गयी है. दिलचस्प यह कि दोनों पार्टियों को जो राजनीतिक हथियार मिला है, वे दोनों ही वित्तीय कंपनी हैं. दोनों हीं कंपनियों पर धोखाधडी के आरोप हैं. और दोनों ही कंपनियों के मालिक इसको लेकर जेल की हवा खा रहे हैं.
ऐसे में दोनों पार्टियों को अब एक-दूसरे पर आरोप लगाने के कई मुद्दे मिल गये हैं. हालांकि भाजपा तो पहले से ही टीएमसी को इस मुद्दे पर घेरती आयी है किन्तु जब से लाल डायरी केस का मुद्दा गरमाया है, टीएमसी के तेवर भी भाजपा के खिलाफ गरम हो गये हैं.
एक ओर जहां कल रविवार को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी पर हमला बोला था, वहीं आज सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अमित शाह को आड़े हाथों ले लिया और जम कर प्रदर्शन किया.
अमित शाह ने कल रैली के दौरान आरोप लगाया था कि सारदा चिटफंड घोटाले का पैसा बर्धमान धमाके में इस्तेमाल हुआ है.गौरतलब है कि सारधा चिटफंड केस में टीएमसी के दो सांसद जेल में हैं और उधर सहारा प्रमुख सुब्रतो राय भी जेल में बंद हैं.
दरअसल, टीएमसी की सांसदों के हांथ एक डायरी लगी है, जो लाल रंग की है और उसमें सहारा लिखा हुआ है. कहा जा रहा है किइस डायरी में अमित शाह का भी नाम है. टीएमसी ने मांग की है कि शाह के खिलाफ जांच कमेटी बैठाई जाए और गृह मंत्री और वित्त मंत्री संसद में इस पर बयान दें.