कोलकाता: 300 वर्ष से अधिक का इतिहास रखनेवाले कोलकाता महानगर के विकास का यह आलम है कि यहां रहनेवाला हर पांचवां व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे जिंदगी गुजार रहा है. निगम से मिले आंकड़े के अनुसार, अंगरेजों द्वारा बसाये गये महानगर कोलकाता की आबादी 44 लाख 99 हजार 819 है. अर्थात 45 लाख से मात्र 181 कम.
गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जिंदगी गुजारनेवालों की संख्या जानने के लिए हाल में ही निगम प्रशासन ने एक सर्वे कराया था, जिससे यह आंकड़ा सामने आया है कि शहर में कुल 217852 परिवार गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं. इनकी कुल तादाद 917329 है. यानी कभी देश की राजधानी रहे कोलकाता की कुल आबादी का हर पांचवां व्यक्ति गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी गुजारता है. इस तालिका में और भी इजाफा हो सकता है. प्रत्येक वर्ष बीपीएल सूची में संशोधन किया जाता है.
इस वर्ष भी अगस्त से यह काम शुरू किया जायेगा. बीपीएल सूची स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (एसयूडीए) द्वारा तैयार किये गये 27 प्वाइंट के आधार पर बनायी जाती है, जिसमें बदलाव की तैयारी की जा रही है. निगम अधिकारियों के अनुसार, 27 प्वाइंट में से अधिकतर का कोलकाता जैसे शहर से कोई मेल नहीं है. यह गांवों के लिए ठीक है. इसलिए संबंधित मंत्रलय से बात कर इसमें बदलाव किया जायेगा.