शुक्रवार को पूछताछ के लिए सीबीआइ ने किया है तलबकोलकाता. सारधा चिटफंड कंपनी घोटाला मामले की जांच से बचने के लिए परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने नया हथकंडा अपनाया है. गुरुवार को अपराह्न 3.15 बजे वह अचानक अपने बेड से उठे और कहने लगे कि वह निजी अस्पताल में इलाज नहीं कराना चाहते हैं. उनका इलाज किसी सरकारी अस्पताल में होना चाहिए. मिंटू पार्क स्थित बेल व्यू नर्सिंग होम से वह सीधे एसएसकेएम अस्पताल पहुंचे और वहां जाकर भरती हो गये. उनसे अचानक अस्पताल बदलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल में उनका इलाज सही प्रकार से नहीं हो रहा है, उनकी जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करना होगा. इसलिए वह एसएसकेएम अस्पताल जा रहे हैं. आश्चर्य की बात यह है कि इस बारे में बेल व्यू नर्सिंग होम के प्रबंधन को भी कोई जानकारी नहीं थी. मंत्री ने अचानक अस्पताल क्यों छोड़ा, इससे वह पूरी तरह अनजान हैं. गौरतलब है कि सारधा मामले की जांच में पूछताछ के लिए राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को भी तलब किया है और शुक्रवार को उनको सीबीआइ कार्यालय में उपस्थित होना है, लेकिन इससे पहले ही वह गुरुवार को निजी अस्पताल की बजाय सरकारी अस्पताल में भरती हो गये हैं और स्वयं की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करने की बात कही है. ऐसे में अगर उनकी शारीरिक स्थिति ठीक नहीं रहती है तो वह सीबीआइ कार्यालय नहीं जा पायेंगे.
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एसएसकेएम में भरती हुए मदन मित्रा
शुक्रवार को पूछताछ के लिए सीबीआइ ने किया है तलबकोलकाता. सारधा चिटफंड कंपनी घोटाला मामले की जांच से बचने के लिए परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने नया हथकंडा अपनाया है. गुरुवार को अपराह्न 3.15 बजे वह अचानक अपने बेड से उठे और कहने लगे कि वह निजी अस्पताल में इलाज नहीं कराना चाहते हैं. उनका […]
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