कोलकाता: पंचायत चुनाव के पहले पार्टी के ऊपर दबाव डालने के इरादे से राज्य सरकार माकपा नेताओं को सीआइडी का डर दिखा रही है. राज्य सरकार के निर्देश पर ही सीआइडी अपना कार्य करती है. मुङो सीआइडी मुख्यालय बुलाने के पीछे राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हाथ है. पंचायत चुनाव के पहले राज्य सरकार सीआइडी के माध्यम से विरोधी पार्टी के नेताओं के स्वर को दबाना चाहती है.
शुक्रवार को सीआइडी मुख्यालय पहुंचे गौतम देब ने राज्य सरकार के खिलाफ उक्त आरोप लगाये. उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह उन्हें फंसाने की एक साजिश है. चाय पिलाने के बहाने राज्य की मुख्यमंत्री उन्हें सीआइडी मुख्यालय में दो घंटे तक बैठा कर रखना चाहती थीं, यहां आकर उन्होंने सीएम की इस इच्छा को पूरा किया है.
सीआइडी मुख्यालय में अधिकारियों ने उनसे क्या-क्या सवाल पूछे, इस संबंध में उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया, सिर्फ इतना कहा कि समय आने पर सारे सवालों के जवाब वह मीडिया के सामने देंगे. इसके पहले शुक्रवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे वह माकपा नेता सूजन चक्रवर्ती के साथ सीआइडी मुख्यालय पहुंचे थे. इसके बाद एक कमरे में सीआइडी के चार अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक उनसे पूछताछ की. इस दौरान सूजन चक्रवर्ती को अलग कमरे में बिठाया गया था.