कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में सोमवार को पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस सांसद कुणाल घोष से पूछताछ की. तृणमूल सांसद को फोन कर विधाननगर कमिश्नरेट बुलाया गया और उनसे लगभग डेढ़ घंटे तक पूछताछ की गयी. खुफिया विभाग के प्रमुख अर्नब घोष ने कुणाल से सारधा समूह के मालिक सुदीप्त सेन के साथ उनके संबंधों के बारे में जानकारी हासिल की. उधर, विधाननगर कमिश्नरेट में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तृणमूल सांसद के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश की.
आरोपों का खंडन
पुलिस पूछताछ के बाद बाहर आने पर कुणाल घोष ने इन आरोपों का खंड किया कि उन्होंने सुदीप्त सेन को किसी प्रकार से डरा-धमका कर और दबाव डाल कर कोई काम करवाया है. कुणाल ने कहा कि राज्य में चिटफंड कारोबार नया नहीं है. सिर्फ वह नहीं हैं, जो चिट फंड के कारोबार को नहीं समझ सके. जो लोग चिटफंड से जुड़े हैं, उनसे भी पूछताछ होनी चाहिए.
गौरतलब है कि सारधा समूह के मालिक सुदीप्त सेन ने सीबीआइ को खत लिख कर जिन 22 लोगों के नाम लिए हैं उनमें कुणाल घोष शामिल हैं. इस सूची में आये सभी लोगों से पुलिस पूछताछ करेगी. इसी सिलसिले में सबसे पहले कुणाल घोष को पुलिस ने तलब किया और उनसे पूछताछ की. पूछताछ से पहले घोष ने कहा था कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया है कि उनकी बात सुनी जाये. कुणाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पुलिस से बात करने और मेरा पक्ष सुने जाने का अनुरोध किया है. मैं सहयोग करने और किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हूं.’
दुष्प्रचार की शिकायत
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस मुद्दे पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. बंद हो चुके बंगाली दैनिक ‘सकालबेला’ के कर्मचारियों ने उनके खिलाफ भुगतान नहीं किये जाने की भवानीपुर पुलिस थाने में शिकायत की है. उनके खिलाफ इसी तरह की शिकायत चैनल 10 के कर्मचारियों ने पार्क स्ट्रीट पुलिस थाने में करवायी है. बंगाली दैनिक और चैनल 10 का स्वामित्व सारधा ग्रुप के पास है जिसका भंडाफोड़ हो चुका है. कुणाल ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है जिसे तृणमूल कांग्रेस की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. इस पत्र में उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है.