कोलकाता: राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत चुनाव कराने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर आए कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश से ‘रजामंदी’ शब्द हटाने के लिए अदालत से गुहार लगाई है.
राज्य में पंचायत चुनावों के आयोजन को लेकर राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग कानूनी लड़ाई में उलङो हैं. आयोग के वकील सामरादित्य पाल ने दावा किया कि उनकी ओर से कोई रजामंदी नहीं दी गई है लेकिन मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र एवं न्यायमूर्ति जायमाल्यो बागची की खंडपीठ ने कहा कि आदेश स्पष्ट और तेज आवाज में पढ़ा गया था लेकिन आयोग के वकील ने उस समय कुछ नहीं कहा था.
हालांकि पाल ने कहा कि फैसला रजामंदी के साथ नहीं हो सकता और उन्होंने 14 मई को अदालत द्वारा आदेश सुनाये जाने के समय इस तरह का शब्द नहीं सुना था. खंडपीठ ने निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे पर कल दोनो पक्षों को सुनेगी.