कोलकाता : दुर्गापूजा से पहले खड़दह की एनजेएमसी (नेशनल जूट मैन्यूफैक्चरर्स कोरपोरेशन) मिल प्रबंधन ने सोमवार सुबह सस्पेंशन ऑफ वर्क्स का नोटिस लगा दिया. जिससे सुबह काम पर आने वाले कर्मचारियों में रोष फैल गया. उन्होंने मिल प्रबंधन के खिलाफ बीटी रोड पर जाम लगा दिया. प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े नौ बजे तक प्रदर्शन चला.
जाम-प्रदर्शन के चलते सुबह यात्रियों को भारी परेशानी हुई. श्रमिकों ने आरोप लगाया कि बकाया वेतन और पूजा के बोनस से बचने के लिए प्रबंधन ने दुर्गापूजा से पहले मिल को बंद कर दिया. खड़दह थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को काबू में किया. यह मिल केंद्र सरकार के अधीन है. इसके पहले भी मिल कई बार बंद हो चुकी है. मिल में फिलहाल 1100 श्रमिक कार्यरत हैं. मिल बंद होने से श्रमिकों में आक्रोश है.
कारखाने के गेट पर पुलिस बल तैनात किया गया है. श्रमिकों ने दिन भर मिल खोलने के लिए गेट पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके पहले कर्मचारी वेतन और बोनस की मांग कर रहे थे. कर्मचारी 270 रुपये की जगह 300 रुपये दैनिक मजदूरी की मांग कर रहे थे. प्रबंधन का कहना है कि उत्पादन संतोषजनक न होने की वजह से मिल पिछले चार महीने से घाटे में चल रही थी.
* नफरचंद जूट मिल खुली
श्रम विभाग के हस्तक्षेप से कांकीनाड़ा की नफरचंद जूट मिल सोमवार को खुल गयी. सोमवार सुबह से मिल में फिर उत्पादन आरंभ हो गया. श्रमिक असंतोष का कारण दिखा कर प्रबंधन ने रविवार को मिल बंद करने की घोषणा की थी. इससे लगभग तीन हजार श्रमिक बेरोजगार हो गये थे.
श्रम विभाग ने श्रमिक यूनियन और प्रबंधन से बात की. इसके बाद सोमवार से प्रबंधन ने मिल खोलने का निर्णय लिया. इस संबंध में श्रम मंत्री मलय घटक ने बताया कि प्रबंधन से बात करने के बाद मिल दूसरे दिन ही खुल गयी. उन्होंने कहा कि हाल में इसके पहले भी राज्य में बंद हुई कई मिलों को श्रम दफ्तर ने बातचीत कर सात से 10 दिनों में खुलवा दिया है. मिल खुलने से श्रमिकों में खुशी है.