कोलकाता: सारधा ग्रुप के मालिक सुदीप्त सेन का चरित्र रहस्यमय रहा है. मिजाज गरम होने पर वह कुछ भी भला-बुरा नहीं देखता था. गुस्सा आने पर वह कर्मचारियों को थप्पड़ भी मार देता था. उसे अपमानित करने की कोई भी कसर नहीं छोड़ता था.
हालांकि उनका गुस्सा कुछ ही पल में काफूर हो जाता था. शांत होने के बाद वह स्वयं अपनी गलती का एहसास करते हुए उक्त कर्मचारी के पास पहुंच जाता था और उसे खुश करने के लिए कीमती उपहार तक दे डालता था. ज्यादातर उपहार महिला कर्मचारियों को ही मिलता था. इस संबंध में सारधा ग्रुप के सॉल्टलेक में मिडलैंड पार्क स्थिति कर्मचारियों को कहना है कि सुदीप्त का क्रोध शांत होने पर डांट-फटकार लगाये गये कर्मचारी को उपहार दे कर उसे मनाता था. महिला कर्मचारियों को वह उपहार में गहने व गाड़ी तक देता था. कर्मचारियों का कहना है कि सुदीप्त ने गुस्से में आकर कभी किसी भी कर्मचारी को काम से नहीं निकाला है. वह शांत स्वभाव का है. संस्था का हिसाब-किताब वह खुद ही देखता था. आर्थिक लेन देन में वह किसी और पर विश्वास नहीं करता था.
कंपनी के सभी चेक वह स्वयं पास करता था. वह रात जग कर तड़के तक मिडलैंड पार्क में काम करता था. वह संस्था में कर्मचारियों के लिए सोशल नेटवर्किग की साइट को ब्लॉक कर रखा था. ऑफिस में उसे सोशल नेटवर्किग नहीं पसंद था. वह ज्यादातर ग्रीन टी ही पीता था. फैशन का भी वह शौकीन है. हल्के कपड़े पहनना भी उसे पसंद है. वह मल्टी विटामिन की दवा खाता था और दूसरों को भी उसे खाने के लिए प्रोत्साहित करता था.