उद्योगपतियों ने जतायी बेहतर बजट की उम्मीद
कोलकाता : केंद्रीय बजट 2020 को लेकर उद्योगपतियों को भी काफी उम्मीदें हैं. वे उद्योग को बढ़ावा देनेवाला बजट चाह रहे हैं.नमित बजौरिया, निदेशक, कुचिना : केंद्रीय बजट 2020 में उपभोक्ता की क्रय शक्ति में गिरावट का मुकाबला करने के लिए व्यक्तिगत आयकर स्लैब संरचना में संशोधन की जरूरत है. सरकार से उम्मीद है कि बजट में सार्वजनिक बचत को बढ़ावा देने पर जोर देगी.
1.5 लाख से छूट की सीमा को संशोधित करने की जरूरत है, ताकि हर निवेशक को अधिक निवेश करने का अवसर मिले और अधिकतम छूट का लाभ यू / एस सेक्शन 80 सी को दिया जाय. इस विशेष सुधार से सार्वजनिक बचत के लिए मजबूत नींव तैयार हो सकती है.
अनर्घ चौधरी, निदेशक, अंजलि ज्वेलर्स (पी) लिमिटेड : केंद्रीय बजट 2020 में सोने में आयात शुल्क में कटौती के साथ-साथ जीएसटी दरों के समान होने से लाभ होगा, क्योंकि यह उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगा और साथ ही उपभोक्ताओं को सोने के आभूषण खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिसे वे जरूरत पड़ने पर आसानी से गिरवी रख सकते हैं और भविष्य की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.
सोने का बाजार न केवल खुदरा विक्रेताओं को व्यापार करने में मदद करता है, बल्कि यह अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय संस्थानों के लिए एक सुरक्षित बाजार भी प्रदान करता है. प्रधानमंत्री के अनुसार सोने का उद्योग एक ‘मेक इन इंडिया’ उद्योग है. उम्मीद है कि इस मद में कर में और वृद्धि नहीं होगी.
कमल नंदी, अध्यक्ष, सीईएएमए व गोदरेज एप्लायंसेस के बिजनेस हेड व कार्यपालक उपाध्यक्ष : भारत की नीति व आर्थिक जगत में काफी बदलाव हो रहे हैं. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण उद्योग भी बहु-आयामी चुनौतियों का सामना कर रहा है. भारत में पारंपरिक रूप से ड्यूरेबल्स का प्रवेश स्तर कम रहा है. वर्तमान में, प्रवेश स्तर रेफ्रिजरेटर के लिए 33%, वाशिंग मशीन के लिए 12%, इसके बाद एयर कंडीशनर 5% और टेलीविजन (भारत में 65%, जबकि चीन में 95%) पर है.
इस वर्ष उद्योग काफी हद तक स्थिर रहा है और सीमा शुल्क में वृद्धि, वैश्विक आर्थिक परिवर्तन और मुद्रा और कमोडिटी में उतार-चढ़ाव के साथ, अगले वर्ष के लिए मांग के स्तर का अनुमान लगाना मुश्किल है. हम जीएसटी का स्वागत करते हैं. एससी, क्यूसीओ, प्लास्टिक प्रतिबंध और अन्य पर्यावरण नियमों पर ऊर्जा के प्रयोग से संबंधित दिशानिर्देश देश को लाभान्वित करेंगे.
जीएसटी संशोधन के बाद, एयर कंडीशनर और बड़े स्क्रीन वाले टेलीविजन को छोड़ कर, अधिकांश उत्पादों की कर की दरों को कम कर दिया गया, इन उत्पादों पर 28% के उच्चतम कर स्लैब अभी भी जारी है. सीईएएमए ने इसे 18 प्रतिशत तक कम करने की मांग की है. टैक्स स्लैब में कमी से ग्राहकों के बीच सामर्थ्य में सुधार लाने और घटक निर्माण में निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी.
अमर अंबानी, वरिष्ठ अध्यक्ष व रिसर्च हेड, यस सिक्योरिटीज : आगामी बजट से सबसे बड़ी राहत धारा 80सी के लाभों पर विस्तार की सीमा के रूप में आ सकती है. इसके तहत एलिजिब्लिटी डिडक्शन को 1.5 लाख से बढ़ा कर दो-2.5 लाख तक बढ़ायी जा सकती है. हाल के दिनों में कॉरपोरेट्स के साथ प्रधानमंत्री की चल रही बैठक ने बजट से उम्मीदें बढ़ा दी हैं.
हमारा विचार है कि सभी उपाय अनिवार्य रूप से बजट भाषण के माध्यम से प्रवाहित नहीं होंगे. नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में, हमने बजट के अलावा वर्ष के दौरान भी कई बड़ी घोषणाओं को देखा है. बजट में मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है.