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राम मंदिर पर फैसला स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा : राज्यपाल

कोलकाता : मिथिला महोत्सव-2020 में बतौर अतिथि पहुंचे राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जहां मिथिला की भूमि को इतिहास का एक हिस्सा बताया, वहीं उन्होंने कहा कि 2019 को भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा जायेगा. राज्यपाल ने कहा कि जिस राम मंदिर को लेकर लंबे समय से मुकदमा चल रहा था, उस मंदिर को […]

कोलकाता : मिथिला महोत्सव-2020 में बतौर अतिथि पहुंचे राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जहां मिथिला की भूमि को इतिहास का एक हिस्सा बताया, वहीं उन्होंने कहा कि 2019 को भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा जायेगा. राज्यपाल ने कहा कि जिस राम मंदिर को लेकर लंबे समय से मुकदमा चल रहा था, उस मंदिर को अब भगवान राम के मंदिर को भारत के संविधान के तहत बनाया जायेगा.

देश के सबसे बड़ी अदालत ने एक ऐसा फैसला सुनाया, जिसकी सराहना सभी ने की है. हां, कुछ लोगों ने इस बड़े फैसले पर चुप्पी साधी है. इससे मन में पीड़ा होती है. उन्होंने भगवान राम को याद करते हुए कहा, हमें कभी भी मर्यादा नहीं लांघनी चाहिए. सभी को मर्यादा में रहकर काम करने की जरूरत है.
राज्यपाल ने मां सीता की जीवनी का उल्लेख करते हुए कहा, बिना पलक झपके वह 14 साल के लिए वनवास चली गयीं. अग्निपरीक्षा तक दे दीं. हमें उनसे बलिदान सीखना चाहिए. कार्यक्रम का आयोजन मिथिला विकास परिषद की ओर से तारा सुदंरी पार्क में किया गया था. महोत्सव का उद्घाटन राज्यपाल व अन्य अतिथियों ने दीप जला कर किया.
परिषद के अध्यक्ष अशोक झा ने राज्यपाल को पाग पहना कर व मिथिला की प्रसिद्ध पेटिंग्स देकर सम्मानित किया. महोत्सव की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुई. बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य ने सभी का मन मोह लिया. राज्यपाल ने इस प्रस्तुति की बेहद प्रशंसा की. इस मौके पर राज्यपाल की पत्नी सुदेश धनखड़, पूर्व विधायक दिनेश बजाज, पार्षद विजय ओझा, शैल झा, जय प्रकाश मिश्रा, सुशील पुरोहित सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे.
मिथिला और मैथिली के उत्थान में करें योगदान : भोगेंद्र झा
कोलकाता. जाने-माने शिक्षाविद भोगेंद्र झा ने कोलकाता में रहने वाले मैथिल समाज के लोगों से मिथिला एवं मैथिली के उत्थान में तन-मन से योगदान करने का आह्वान किया है. रविवार को कोलकाता स्थित मैथिली भाषियों की संस्था मिथिला सेवा ट्रस्ट के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव के अंतर्गत बागुइआटी के जर्दा बागान स्थित बंधु महल क्लब प्रांगण में विद्यापति स्मृति पर्व को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोलकाता में मैथिली से जुड़े कई संगठन हैं, लेकिन उनका आपस में तालमेल नहीं होना चिंताजनक है.
उन्होंने मैथिलों की एकजुटता सुनिश्चित करने तथा कोलकाता में एक सामुदायिक भवन के निर्माण की जरूरत बतायी. समारोह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार संतोष मधुप ने कहा कि मैथिली समाज सतत चिंतनशील एवं जाग्रत माना जाता है. यह हमारी सामाजिक चेतना का ही परिणाम है कि हम जहां भी जाते हैं, अपने सांस्कृतिक प्रकाश की लौ जलाने में संकोच नहीं करते.
समारोह में साहित्यकार लक्ष्मण झा सागर, अशोक झा ‘भोली’, रूपेश त्यौंथ, समाजसेवी प्रहलाद सिंह, पार्थ सरकार, शैल देवी, शिवचरण शुक्ला सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे. इस दौरान संस्था की ओर से जीवेंद्र मिश्र को बाबू साहब सम्मान से नवाजा गया. समारोह का संचालन मिथिला सेवा ट्रस्ट के संस्थापक चेयरमैन रमाकांत झा ने किया.
कार्यक्रम के अंत में मिथिला सेवा ट्रस्ट की ओर से गरीबों में कंबल बांटे गये. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मैथिली के सुप्रसिद्ध गायक माधव राय, ज्योति प्रिया, हेमकांत झा, सरोज चौधरी, नारायण झा एवं साथियों ने संगीतमय प्रस्तुतियां देकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन मैथिली मंचों के जाने-माने उदघोषक रामसेवक ठाकुर ने किया.

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