कोलकाता : सामाजिक व अध्यात्मिक संस्था श्री शरणम् के तत्वावधान में मंगलवार की शाम को कलामंदिर सभागार में भजन संध्या का आयोजन स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ.
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ठाकुर से मिला देती है संगीत-साधना
कोलकाता : सामाजिक व अध्यात्मिक संस्था श्री शरणम् के तत्वावधान में मंगलवार की शाम को कलामंदिर सभागार में भजन संध्या का आयोजन स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ. इस अवसर पर स्वामी गिरीशानंद ने कहा कि आज की भजन संध्या आनंद का उत्सव है. सांसारिक नशा क्षणभंगुर है. यदि कृष्ण और किशोरी […]
इस अवसर पर स्वामी गिरीशानंद ने कहा कि आज की भजन संध्या आनंद का उत्सव है. सांसारिक नशा क्षणभंगुर है. यदि कृष्ण और किशोरी जी डूब गये, तो जीवन सार्थक हो जायेगा. कृष्ण का नशा कृष्ण से मिला देता है. संगीत सामवेद है. संगीत साधना बन जाये, तो ठाकुर से मिला देती है.
रोना-हंसना है, तो ठाकुर के साथ तभी तो नव वर्ष मंगल व जीवन धन्य हो जायेगा. इस अवसर पर स्वामी जी ने अपने कुछ भजन :‘मै तो चली श्याम की गली, मुझे कोई रोके ना’…सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. मौके पर प्रसिद्ध भजन गायक गोविंद भार्गव ने कहा कि संतों के संग भजन गाने का अपना अलग आनंद है.
ईश्वर की कृपा से संतों के सानिध्य में ईश्वर के भजनों से उन्हें रिझाने का अवसर मिलता है. श्री भार्गव ने ‘जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन’,‘मोरे मन चल वृंदावन धाम रटे राधे राधे’,‘जो दिन बीत गये हैं, अब निशदिन तेरा भजन करूं मैं’ आदि भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिये.
इस अवसर पर स्वामी सम्विदानंद महाराज ने कहा कि आज हम बच्चों को शिक्षा पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन संस्कार पर नहीं. बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार को भी महत्व देना चाहिए. संस्कार रहेगा, तो अहंकार नहीं आयेगा. वृद्धाश्रम खुलना हमारी संस्कृति के लिए कलंक है. संस्था के ट्रस्टी मुरारीलाल दीवान ने बताया कि कुछ वर्षों से वर्ष की समाप्ति व नववर्ष के आगमन पर संस्था द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है.
इस मौके पर गोपेश कृष्ण महाराज भी मौजूद थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में अरविंद नेवर, मुरारीलाल दीवान, सज्जन सिंघानिया, रामअवतार केडिया, संदीप अग्रवाल, राजू चौधरी, विनय टाटिया, विनोद माहेश्वरी, सुरेंद्र कानोड़िया, विवेक सिंघानिया, द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, राजेंद्र बिहानी सहित अन्य लोग सक्रिय रहे.
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