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उपचुनाव: तृणमूल ने जीती सभी तीन सीटें, भाजपा को झटका

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा की तीन सीटों कालियागंज, करीमपुर और खड़गपुर सदर के उपचुनाव में भारी जीत दर्ज कर भाजपा को करारा झटका दिया है. तृणमूल ने सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली भाजपा खाली हाथ रह गयी है. यहीं नहीं, उसे खड़गपुर […]

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा की तीन सीटों कालियागंज, करीमपुर और खड़गपुर सदर के उपचुनाव में भारी जीत दर्ज कर भाजपा को करारा झटका दिया है. तृणमूल ने सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली भाजपा खाली हाथ रह गयी है. यहीं नहीं, उसे खड़गपुर सदर सीट का नुकसान उठाना पड़ा है.

कालियागंज में पहली बार तृणमूल कांग्रेस के तपन देव सिंह ने जीत का परचम लहराया. गुरुवार को मतगणना शुरू होने के बाद शुरुआती राउंड में भाजपा आगे चल रही थी. लेकिन आखिरी राउंड में भाजपा पिछड़ गयी. अंत में 10 वें राउंड में 2414 वोटों से तृणमूल प्रत्याशी आगे निकल गया. इस लड़ाई में वाम-कांग्रेस गठबंधन काफी पीछे रह गया.
भाजपा प्रत्याशी की हार के पीछे विरोधियों द्वारा एनआरसी विरोधी प्रचार को कारण बताया जा रहा है. भाजपा प्रत्याशी कमल सरकार ने कहा कि विरोधियों के प्रचार का प्रतिरोध नहीं कर पाना हार का एक कारण है. लोकसभा चुनाव में कालियागंज में भाजपा को 57 हजार वोटों से लीड मिली थी. उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने लोगों में भ्रम पैदा किया. जिसका फायदा उन्हें मिला.
खड़गपुर सदर में भाजपा उम्मीदवार प्रेमचंद्र झा को तृणमूल कांग्रेस के प्रदीप सरकार ने हराकर भगवा पार्टी से यह सीट छीन ली. सरकार ने भाजपा उम्मीदवार को 20853 मतों के अंतर से हराया. खड़गपुर सदर सीट पर भाजपा की हार पार्टी के लिए एक झटका माना जा रहा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष मेदिनीपुर से लोकसभा चुनाव जीतने से पहले यहां से विधायक थे.
खड़गपुर सदर मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाला एक विधानसभा क्षेत्र है. नदिया जिले की करीमपुर सीट पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बिमलेंदू सिन्हा रॉय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार जयप्रकाश मजूमदार को 24,073 मतों से हराकर उपचुनाव जीता.
उन्होंने इस सीट पर अपनी पार्टी का कब्जा बरकरार रखा. तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोयत्रा ने पिछले विधानसभा चुनाव में करीमपुर सीट पर जीत दर्ज की थी, बाद में वह कृष्णानगर लोकसभा सीट से निर्वाचित हो गयीं.
उपचुनाव की मतगणना के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, तीन सीटों के उपचुनाव में मतदान 75.34 प्रतिशत रहा. कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ राय के निधन के बाद कालियागंज सीट खाली हुई थी. वहीं पिछली बार खड़गपुर सीट से भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष विधायक के तौर पर चुने गये थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में मेदिनीपुर सीट पर विजय प्राप्त करने के बाद घोष ने इस्तीफा दे दिया था.
करीमुपर की तृणमूल विधायक महुआ मोयत्रा ने भी कृष्णानगर से जीतने के बाद अपने पद से इसतीफा दे दिया था. इन खाली सीटों के लिए बंगाल में उपचुनाव कराये गये हैं. राज्य की तीनों सीटों पर कुल 18 उम्मीदवार मैदान में थे.
उत्तराखंड की पिथौड़ागढ़ सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की
उधर, देहरादून से प्राप्त खबर के अनुसार, भाजपा ने उत्तराखंड में पिथौरागढ़ सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है. भाजपा उम्मीदवार ने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार को 3000 से अधिक वोटों से हरा दिया.
पिथौरागढ़ जिलाधिकारी सह निर्वाचन अधिकारी वी के जोगदंदे ने बताया कि भाजपा उम्मीदवार चंद्रा पंत को 26086 वोट जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अंजू लुंठी को 22819 वोट मिले. इस सीट पर उपचुनाव भाजपा विधायक प्रकाश पंत का गत जून में बीमारी के चलते निधन होने के कारण कराना जरूरी हो गया था.
भाजपा ने उनकी पत्नी चंद्रा पंत को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया था. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जीत की उम्मीद थी. उन्होंने कहा, ‘सीट हमारी थी और हमें इसे बरकरार रखने की खुशी है. जीत का अंतर अधिक है. हम क्षेत्र के लोगों को इसके लिए धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने एक बार फिर हममें भरोसा जताया है.’

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