राज्यपाल ने किया भारतीय स्पोर्टिंग क्लब की काली पूजा का उद्घाटन
कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ का कहना है कि समूची दुनिया में कला और संस्कृति का केंद्र पश्चिम बंगाल है. उन्होंने कहा कि वह फ्रांस की राजधानी पेरिस में वर्षों तक रहे और उन्हें लगता था कि विश्व में कला और संस्कृति का यही केंद्र है. लेकिन बंगाल में आने के बाद उनकी धारणा गलत साबित हुई और वह यह जान गये कि कला और संस्कृति में बंगाल का कोई सानी नहीं है. दुर्गा पूजा के वक्त विभिन्न पूजा आयोजनों में जिन थीमों का इस्तेमाल हुआ, वह मंत्रमुग्ध कर देनेवाले थे.
उन्होंने विदेशों में रहनेवाले अपने कई मित्रों से भी इसका जिक्र किया है. सिस्टर निवेदिता की पहचान भी बंगाल में आने के बाद ही हुई. श्री धनखड़ ने कहा कि अतीत में उनका जो भी परिचय रहा हो, लेकिन अब उनका परिचय बंगाल की जनता के सेवक के तौर पर है. उन्होंने कहा कि विरोध अगर हो तो वह शालीनता से की जानी चाहिए. विरोध का मतलब दुश्मनी नहीं है. समाज का अंधेरा तभी दूर हो सकता है, जब हम समाज के लिए थोड़ी-थोड़ी रोशनी अपने भीतर पैदा करें.
श्री धनखड़ ने डलहौसी स्थित गरेस्टिंग प्लेस में भारतीय स्पोर्टिंग क्लब की काली पूजा का उद्घाटन करते हुए पूजा संयोजक व 45 नंबर वार्ड के पार्षद संतोष पाठक के संबंध में कहा कि वह (श्री धनखड़) श्री पाठक के वार्ड के मतदाता हैं. राज्यपाल ने पाठक दंपत्ति को राजभवन में आमंत्रित भी किया है. इस अवसर पर संतोष पाठक ने श्री धनखड़ का स्वागत करते हुए कहा कि काली पूजा और दीपावली परंपराओं के साथ जुड़ी है. बंगाल सदा से ही सांस्कृति विरासत का स्थल रहा है.
इस मौके पर उपस्थित सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने अपने 50 वर्ष के राजनीतिक जीवन में इतना मिलनसार राज्यपाल नहीं देखा. श्री धनखड़ एक जन प्रतिनिधि की भांति दिखते हैं. उनका दरवाजा सभी के लिए खुला रहता है. विधानसभा में विपक्ष के नेता व विधायक अब्दुल मन्नान ने कहा कि बेहद कम समय में श्री धनखड़ ने बंगाल के लोगों का दिल जीत लिया है. कार्यक्रम का संचालन अमिताभ चक्रवर्ती व प्रतीक तिवारी ने किया.
इस अवसर पर विवेक गुप्ता, वर्षा पाठक, चंद्रेश मेघानी, महेश शर्मा, मोहम्मद इकबाल, केके सिंह, संतोष सिंह, शिवराज वाल्मिकी, बीपी सिंह, कृष्णा सिंह, प्रवीण अग्रवाल, आबिद टुंडा वाला, मोहम्मद शादाब, राजकुमार सरावगी, आर चौधरी व अन्य उपस्थित थे. इस मौके पर विमला पाठक ने राज्यपाल की पत्नी सुदेश धनखड़ का स्वागत शॉल ओढ़ाकर किया.