कोलकाता : लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज करने से उत्साहित भाजपा 2021 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 294 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार तय करने से पहले राज्यव्यापी सर्वे करेगी. इसके लिए न केवल पार्टी के कार्यकर्ताओं को, बल्कि आमलोगों से भी बातचीत होगी.
प्रत्येक क्षेत्र में मौजूद भाजपा के उन सक्षम नेताओं के बारे में रायशुमारी की जायेगी, जिन्हें विधानसभा का टिकट दिया जा सकता है. इनमें पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के साथ-साथ ऐसे नये नेता भी शामिल है, जिन्होंने तृणमूल कांग्रेस अथवा माकपा तथा कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है. इन लोगों के बारे में स्थानीय लोगों के क्या विचार हैं, जमीनी स्तर पर इनकी कितनी पकड़ है और लोगों की पसंद के मामले में कौन से नेता अधिक खरा उतरते हैं, इस बात को देखने के बाद ही टिकट देने पर फैसला होगा.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हमलोगों ने नेतृत्व की पहचान के लिए अभियान की शुरुआत की है. हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम चार ऐसे नेताओं की पहचान की जाये, जिन्हें टिकट दिया जा सकता है. इन नेताओं की जमीनी पकड़ को सबसे अधिक अहमियत दी जायेगी. अगर एक व्यक्ति को टिकट दिया जायेगा तो बाकी के दिन तीन लोगों जिनका चुनाव होना है, वे उस क्षेत्र में संगठन के दिग्गज नेताओं में शामिल होंगे.
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि जिन नेताओं को लेकर रायशुमारी की जायेगी, वह न केवल क्षेत्र में जनाधार मजबूत करने में कारगर साबित होंगे बल्कि पार्टी का चेहरा भी बनेंगे. पार्टी के उक्त नेता ने बताया कि नेताओं का चुनाव करने से पहले उनके पूर्व कार्यों को भी देखा जायेगा. विगत कुछ सालों में उन्होंने पार्टी के लिए क्या किया है, कैसा जनाधार बनाया है और लोगों के बीच उनकी कैसी पैठ है, यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण होगी. पार्टी ने इसे प्रतिभा खोज अभियान’ दिया है. उल्लेखनीय है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में 294 में से 220 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
भाजपा सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी ने राज्य की 130 सीटों पर बढ़त हासिल की थी. इसके मुताबिक पार्टी ने राज्य भर के विधानसभा सीटों को चार श्रेणियों में विभक्त किया है. पहली श्रेणी में उन सीटों को रखा गया है, जहां पार्टी ने लोकसभा में बढ़त हासिल की थी.
दूसरी श्रेणी में 75 चुनिंदा सीटों को शामिल किया गया है, जहां पार्टी बहुत कम आंकड़ों से दूसरे नंबर पर रही थी. तीसरी श्रेणी में उन सीटों को रखा गया है, जहां पार्टी दूसरे नंबर पर तो थी लेकिन अंतर अधिक था.
आखरी श्रेणी में उन सीटों को शामिल किया गया है, जहां पार्टी तीसरे या चौथे नंबर पर थी. जिन क्षेत्रों में पार्टी का जनाधार कमजोर था वहां संगठन की मजबूती के लिए अलग से अभियान चलाने का निर्णय किया गया है. पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि राज्य भर में सांगठनिक मजबूती के लिए नये सिरे से मंडल कमेटी का गठन किया गया है.