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पश्‍चिम बंगाल में थम नहीं रहा राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला, एक सप्ताह में 10 लोगों की नृशंस हत्या

कोलकाता : लोकसभा चुनाव को खत्म हुए चार महीने हो गये. केंद्र में नयी सरकार बनी और देश नयी दिशा में आगे बढ़ चला है. लेकिन एक चीज नहीं बदली. पश्‍चिम बंगाल में हिंसा व राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला. चुनाव नतीजों के बाद भाजपा की प्रचंड जीत और तृणमूल को हुए नुकसान के बाद तो […]

कोलकाता : लोकसभा चुनाव को खत्म हुए चार महीने हो गये. केंद्र में नयी सरकार बनी और देश नयी दिशा में आगे बढ़ चला है. लेकिन एक चीज नहीं बदली. पश्‍चिम बंगाल में हिंसा व राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला. चुनाव नतीजों के बाद भाजपा की प्रचंड जीत और तृणमूल को हुए नुकसान के बाद तो जैसे बंगाल हिंसा का गढ़ ही बन गया. आये दिन हिंसक झड़प और हत्या की खबरें आ रही हैं. दुर्गापूजा से बंगाल में एक बार फिर से राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया है.

पिछले एक सप्ताह के अंदर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 10 लोगों की नृशंस रूप से हत्या की गयी है. किसी को गोली मार, तो किसी पर धारदार हथियार से प्रहार कर. जानकारी के अनुसार, सबसे पहले बीरभूम जिला और उसके बाद मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर 24 परगना व पूर्व मेदिनीपुर जिले में विभिन्न पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है.

जानकारी के अनुसार, बीरभूम जिले में अष्टमी के दिन अनिमेष चक्रवर्ती नामक व्यक्ति की हत्या हुई थी. भाजपा का दावा है कि वह नानूर विधानसभा क्षेत्र में बोलपुर ग्रामीण मंडल के साप्रोलेहना गांव के 24 नंबर बूथ का सक्रिय कार्यकर्ता था. इसके बाद पूर्व मेदिनीपुर जिले में तृणमूल कांग्रेस नेता कुरबान शाह को गोली मार कर हत्या की गयी.

विजयदशमी के दिन उत्तर 24 परगना जिले के बीजपुर थाना क्षेत्र में तृणमूल कार्यकर्ता राजू कुर्मी की हत्या हुई थी. राजू कुर्मी को भी बदमाशों ने गोली मारी थी. इसके बाद फिर उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी थाना क्षेत्र में अमरनाथ तिवारी नामक व्यक्ति को बदमाशों ने गोली मार दी. बताया जा रहा है कि अमरनाथ तिवारी अपने पुत्र अंशु तिवारी को गुंडों से बचाने के लिए पहुंचे थे, तभी गुंडों ने उन्हें गोली मार दी.

इसके बाद मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के मामले में बढ़ते राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. हालांकि, पुलिस ने अपनी बात को रखने के लिए ट्वीटर का सहारा लिया है. मुर्शिदाबाद की घटना के बाद नदिया जिले में भी एक साधु की हत्या हो गयी थी. मुर्शिदाबाद की घटना में एक सरकारी अध्यापक बंधु प्रकाश पाल, उसकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी और बेटे की हत्या कर दी गयी थी. वह आरएसएस के सक्रिय सदस्य थे, जबकि नदिया जिले में 42 साल के साधु सुप्रिय बनर्जी की हत्या की गयी, जो सोमवार से गायब थे. इसके बाद शुक्रवार को नदिया जिले के राणाघाट में बदमाशों ने एक और भाजपा कार्यकर्ता को गोली मार कर हत्या कर दी. वह राणाघाट एक नंबर ब्लॉक में हबीबपुर ग्राम पंचायत के 21 नंबर बूथ के सक्रिय सदस्य थे.

भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार का कहना है कि वह भाजपा कार्यकर्ता थे. उनकी राजनीतिक संबंधों के चलते हत्या की गयी है. हालांकि राजनीतिक पार्टियों ने इन हत्याओं को राजनीति से प्रेरित बताया है, जबकि प्रशासन ने इसे राजनीतिक हत्या मानने से इंकार कर दिया. प्रशासन का कहना है कि आपसी रंजिश के कारण ये हत्याएं हुई हैं.

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