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नारी शक्ति को नमन : मां दुर्गा को दिया ‘प्रतिमा’ का चेहरा

निमता-हावड़ा रूट की मिनी बस चला कर परिवार चलाती हैं प्रतिमा कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आयोजित होने वाली दुर्गापूजा, नारी शक्ति को समर्पित है. किस प्रकार से एक नारी, विषम परिस्थितियों में हर कठिनाइयों से लड़ती हुई आगे बढ़ती हैं और अपने हर दुश्मन का खात्मा करती है. यही ताकत दर्शाती है दुर्गापूजा. इसी […]

निमता-हावड़ा रूट की मिनी बस चला कर परिवार चलाती हैं प्रतिमा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आयोजित होने वाली दुर्गापूजा, नारी शक्ति को समर्पित है. किस प्रकार से एक नारी, विषम परिस्थितियों में हर कठिनाइयों से लड़ती हुई आगे बढ़ती हैं और अपने हर दुश्मन का खात्मा करती है. यही ताकत दर्शाती है दुर्गापूजा. इसी नारी शक्ति को दर्शाने का उत्तर कोलकाता के नॉर्थ त्रिधारा सार्वजनिन ने प्रयास किया है.
कमेटी की पूजा के लिए बनायी जारी रही मां दुर्गा की मूर्ति को ‘प्रतिमा’ का चेहरा दिया गया है और प्रतिमा पोद्दार के जीवन को ही पूजा की थीम बनाया गया है. प्रतिमा पोद्दार, जो महानगर के निमता-हावड़ा रूट पर चलने वाली एक मिनी बस ड्राइवर हैं और बस चला कर वह अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं. प्रतिमा पोद्दार का जीवन यह दर्शाता है कि ‘नारी शक्त’, असंभव कार्य को भी संभव कर सकती है.
कौन हैं प्रतिमा पोद्दार
प्रतिमा पोद्दार को आप लोगों ने मिनी बस चलाते देखा होगा. इस पुरुष प्रधान समाज में ‘प्रतिमा’ नारी शक्ति की एक मिसाल हैं. प्रतिमा आखिर बस क्यों चलाती हैं, इसकी भी अपनी एक कहानी है. प्रतिमा के पति शिवेश्वर पोद्दार पहले बस चलाते थे. लेकिन दुर्घटना के कारण उन्हें बस चलाना छोड़ना पड़ा. परिवार के एक मात्र कमाने वाले व्यक्ति के बेरोजगार हो जाने के बाद प्रतिमा ने बीमार पति, दो बेटियों और बूढ़ी सास, सबकी जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले ली. प्रतिमा के पति शिवेश्वर पोद्दार ने ही उन्हें बस चलाना सिखाया और उसके बाद वह निमता-हावड़ा रूट की मिनी बस चलाने लगी.
इसी प्रतिमा पोद्दार के चेहरे को उत्तर कोलकाता के नॉर्थ त्रिधारा सार्वजनिन ने अपने पूजा पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा का चेहरा बनाया है. पहली बार इस प्रकार की थीम पर महानगर में पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस संबंध में पूछे जाने पर प्रतिमा ने कहा कि उन्हें लेकर पूजा की थीम, ऐसा उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. जब उन्हें यह खबर मिली तो वह चौंक गयी थीं और खुशी भी हुई. उन्होंने बताया कि इससे मेरी तरह और महिलाओं को बल मिलेगा, जिससे वह इस पुरुष प्रधान समाज में सभी कुरीतियों के बंधन को तोड़ कर आगे बढ़ पायेंगी.
कैसा होगा पूजा पंडाल
जब पूजा की थीम ही प्रतिमा का जीवन है तो पूजा पंडाल में भी प्रतिमा के जीवन को दर्शाया जायेगा. पंडाल को भी मिनी बस की भांति बनाया जा रहा है और अंदर का नजारा मिनी बस के अंदर के हिस्से के समान है. पूजा मंडप के प्रवेश द्वार पर प्रतिमा पोद्दार की एक सिलिकन की बनी मूर्ति होगी, जिसे मूर्तिकार नव कुमार पाल ने बनाया है. पूजा के बाद इस मूर्ति को मदर वैक्स म्यूजियम में रखा जायेगा. दुर्गापूजा के दौरान यहां आने वाले दर्शनार्थियों को आर्ट इंस्टालेशन व स्लाइड शो के माध्यम से प्रतिमा के जीवन के बारे में जानकारियां दी जायेंगी.
कलाकार सम्राट भट्टाचार्य ने बताया कि पिछले साल दिसंबर से ही हम थीम के बारे में सोच रहे थे. बस को लेकर सोचते-सोचते प्रतिमा पोद्दार का ध्यान आया तो हमने प्रतिमा के जीवन को अपनी पूजा की थीम बना ली. 10 भुजाओं वाली मां दुर्गा की भांति ही प्रतिमा का जीवन है, जिन्होंने पुरुष प्रधान समाज में अपनी अलग पहचान बनायी है.

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