बहूबाजार के लोगों में बढ़ता जा रहा आतंक
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बहूबाजार में गिरा एक और मकान
बहूबाजार के लोगों में बढ़ता जा रहा आतंक कोलकाता : मध्य कोलकाता में स्थित बहूबाजार के रहनेवाले लोगों के बीच आतंक बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार सुबह बहूबाजार में एक और चार मंजिला मकान गिर गया. सोमवार को कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) द्वारा बहूबाजार के खतरनाक मकानों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू […]
कोलकाता : मध्य कोलकाता में स्थित बहूबाजार के रहनेवाले लोगों के बीच आतंक बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार सुबह बहूबाजार में एक और चार मंजिला मकान गिर गया. सोमवार को कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) द्वारा बहूबाजार के खतरनाक मकानों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही 8बी, सेंकड़ापाड़ा लेन स्थित एक चार मंजिला मकान गिर गया. यह घटना सोमवार सुबह 9 बज कर 50 मिनट पर हुई, देखते ही देखते पूरा क्षेत्र धूल से भर गया.
घटना की सूचना मिलते ही दमकल व आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे और मलबे को हटाने में जुट गये. हालांकि, कोलकाता पुलिस ने मकान को पहले से ही खाली करा दिया था, जिससे किसी के हताहत या घायल होने की खबर नहीं है. सभी वाशिंदों को होटल में ठहराया गया है, लेकिन नये सिरे से एक और मकान के गिरने की घटना से इलाके के लोगों में आतंक का माहौल है.
दुर्गापितुरी लेन में पांच मकान तोड़े जायेंगे
जानकारी के अनुसार, निगम व केएमआरसीएल ने सोमवार को बहूबाजार के दुर्गापितुरी लेन स्थित पांच खतरनाक मकानों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया. इसके साथ ही केएमआरसीएल ने तय किया है कि जिन-जिन मकानों के नीचे सुरंग गुजरा है, उन सभी मकानों की संरचनात्मक स्थिति की जांच की जायेगी. कई बार कार्य पूरा होने के बाद भी सुरंज व ब्रिज में कई प्रकार की समस्याएं देखी जाती है, इसलिए केएमआरसीएल किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या पैदा ना हो.
मदन दत्त लेन के लोगों को भी हटाया गया
दुर्गापितुरी लेन, सेंकड़ापाड़ा व गौर दे लेन के बाद सोमवार सुबह मदन दत्त लेन के घरों को भी खाली कराया गया और वहां के लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया. वहीं, दुर्गापितुरी लेन के क्षतिग्रस्त पांच मकानों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है. सोमवार को 11/1, दुर्गापितुरी लेन स्थित लाहाबाड़ी से खतरनाक मकानों को तोड़ने का काम शुरू हुआ. इस अवसर पर निगम के बिल्डिंग विभाग के अधिकारी भी वहां मौजूद थे. निगम की अनुमति लेकर केएमआरसीएल ने यह कार्य शुरू किया है. बताया जाता है कि मकानों को तोड़ने से पहले वहां के सामानों को भी सुरक्षित निकालने का भी प्रयास किया जा रहा है.
रिसाव रोकने को सुरंग में बनी त्रिस्तरीय दीवार
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना के तहत जमीन के नीचे बनाये गये टनेल (सुरंग) में अभी भी पानी का रिसाव हो रहा है. हालांकि, पानी का रिसाव पहले की तुलना में काफी कम हो रहा है और अब केएमआरसीएल के श्रमिक टनेल से पानी बाहर निकाल रहे हैं. नये सिरे से कहीं भी धंसान होने की खबर नहीं है. टनेल में जल रिसाव को नियंत्रित करने के लिए केएमआरसीएल द्वारा सुरंग त्रिस्तरीय दीवार बनायी जायेगी, जिसमें प्रथम स्तर पर कंक्रीट व स्टील से दीवाल बनाया जायेगा. उसके बाद दूसरे स्तर पर बालू को बस्तों में भर कर एक दीवाल का निर्माण किया जायेगा. इसके पश्चात तीसरे स्तर पर एक और कंक्रीट व स्टील से दीवार का निर्माण किया जायेगा, जिससे पानी के रिसाव को पूरी तरह से रोका जा सके और भविष्य में इस प्रकार की समस्या पैदा ना हो.
सीधे बैंक खातों में जमा होंगे रुपये
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना को क्रियान्वित करने वाली संस्था केएमआरसीएल द्वारा क्षतिग्रस्त मकान के मालिकों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है. केएमआरसीएल द्वारा कई मकान मालिकों को पांच-पांच लाख रूपये का चेक भी प्रदान किया गया है, लेकिन अब लोगों को चेक की बजाय आरटीजीएस के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में रूपया जमा कराया जायेगा.
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