कोलकाता: पुलिस अधिकारियों से ठगी व उनसे सलामी लेने वाले शेखर गांगुली (59) नामक एक फर्जी मेडिकल अधिकारी को हाल ही में गरफा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
उसकी गिरफ्तारी की खबर जान कर उसकी दूसरी पत्नी ने गरियाहाट थाने में शेखर के खिलाफ विश्वास भंग व दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी थी. जिसके बाद गरियाहाट थाने की पुलिस ने अदालत में उसे अपने कब्जे में लेने के लिए आवेदन किया है. पुलिस का कहना है कि गरफा थाने में धोखाधड़ी के एक मामले में वह पहले हीं गिरफ्तार हो चुका है. उस मामले में वह 31 जुलाई तक पुलिस हिरासत में है. इसके कारण उसके अगली अदालत में पेशी होने पर उसे कब्जे में ले लिया जायेगा.
महिला ने क्या लगाया आरोप
बैरकपुर की रहने वाली 35 वर्षीय पीड़ित महिला ने शिकायत में बताया कि वह पीएचडी की पढ़ाई कर रही है. पढ़ाई के कारण उम्र ज्यादा होने पर मेट्रीमॉनियल साइट में विवाह के लिए उन्होंने विज्ञापन दिया था. इस विज्ञापन को देख कर शेखर गांगुली नामक एक व्यक्ति ने उससे संपर्क किया. खुद को उसने 39 वर्षीय एक बड़ा मेडिकल अधिकारी बताया और विवाह करने की इच्छा प्रकट की. वर्ष 2009 से दोनों प्रेम बंधन में थे. इस वर्ष 18 जुलाई को दोनों ने विवाह कर लिया था. विवाह के पहले दोनों दीघा घूमने भी गये थे.
शादी किये पर नहीं था कोई अपने घर का सदस्य
पीड़िता ने शिकायत में पुलिस को बताया कि विवाह के बाद 21 जुलाई को बालीगंज इलाके के एक रेस्तरां में शादी के बाद पार्टी भी दिये. इस पार्टी में शेखर के घरवालों की तरफ से कोई नहीं आया था. इसके बाद शेखर उसे उसके मायके बैरकपुर में छोड़ आये. इन सब ठगी पर भी उन्हें संदेह नहीं हुआ.
इसके बाद 22 जुलाई को दिल्ली जाने की बात कहकर वे वहां से निकल गये. इसके बाद दो दिन बाद पेपर में एक फर्जी मेडिकल अधिकारी की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर कुछ संदेह हुआ. जिसके बाद गरफा थाने में उसकी शिनाख्त की तो पता लगा कि यह वहीं व्यक्ति है, जिसने उससे शादी की थी. गरियाहाट थाना अंतर्गत विवाह व पार्टी होने के कारण गरियाहाट थाने में उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज करवाई. गरियाहाट थाने की पुलिस का कहना है कि 31 जुलाई के बाद उसे अपने हिरासत में ले लिया जायेगा.
पुलिस अधिकारियों को मेडिकल अधिकारी बता कर बनाता था बेवकूफ
गौरतलब हो कि कोलकाता पुलिस के अधिकारी व सर्जेट को खुद को कोलकाता पुलिस अस्पताल का मेडिकल अधिकारी बताकर काफी दिनों से यह ठग परेशान कर रहा था. काम नहीं करने पर वरदी उतरवा लेने का धौंस देता था. जिसके कारण सभी अधिकारी इन्हें असली अधिकारी मानकर इनसे डरे रहते थे. लेकिन एक ठगी के मामले के बाद इसका पोल खुल गया.