हुगली : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि चाहे पार्टी हो या पुलिस किसी को भी काम के एवज में पैसे न दें. हुगली में प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यंत्री ने स्पष्ट कहा कि बर्दवान में प्रशासनिक बैठक के दौरान कोलकाता में पैसे देने की बाबत उन्होंने मजाक में सवाल उठाया था.
गौरतलब है कि सोमवार को बर्दवान में प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था ‘कहा जा रहा है कि कोलकाता में पैसे देने होंगे. इसके लिए बिल काटे जा रहे हैं. मेरा सवाल है कि कोलकाता में किसे पैसे देने होते हैं?’ फिर उन्होंने पुलिस मामलों के सलाहकार तथा कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त, सुरजीत कर पुरकायस्थ की ओर देखकर पूछा था कि, ‘क्या पैसे लिए जाते हैं?’
मंगलवार को हुगली में प्रशासनिक बैठक में उन्होंने कहा कि यह सवाल उन्होंने मजाक में पूछा था, गंभीर समाचार के लिए नहीं. किसी व्यक्ति विशेष को नहीं कहा था. हुगली में प्रशासनिक बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि वह जिन्हें संदेश देना चाहती हैं वह समझ रहे हैं. पार्टी किसी से पैसे नहीं मांगती. पार्टी को जिलों से पैसे नहीं देने होंगे. पुलिस को भी पैसे देने की जरूरत नहीं है. किसी भी व्यक्ति को कोलकाता में काम के लिए पैसे नहीं देने होते हैं.
बर्दवान की प्रशासनिक बैठक में उन्होंने सुरजीत कर पुरकायस्थ से यह मजाक में पूछा था वह ‘ब्राइट’ ऑफिसर हैं. हुगली के गुड़ाप में प्रशासनिक बैठक के दौरान जिलाधिकारी वाई कृष्ण राव, चंदननगर के पुलिस कमिश्नर डॉक्टर हुमायूं कबीर, जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक तथागत बसु सहित तमाम एसडीओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकास कार्यों की समीक्षा की.
प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ योजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं करने पर मुख्यमंत्री ने फटकार भी लगायी. एससी-एसटी सर्टिफिकेट देने के मामले में लोगों को बेवजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने इस बाबत नाराजगी प्रकट की. सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने अधिकारियों को कमर कसने के लिए कहा. उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री म्यूटेशन, रजिस्ट्रेशन आदि को लेकर शिकायतें मिलने की बात कही.
चंदननगर के पुलिस कमिश्नर हुमायूं कबीर ने मोगरा ,चंडीतला और पोलबा थानों को ग्रामीण सीमा क्षेत्र से हटाकर चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट में शामिल करने का अनुरोध किया. उनका कहना था कि इससे अापराधिक घटनाएं नियंत्रित हो सकेंगी. मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को स्वीकर कर लिया और इस बाबत जरूरी आदेश भी दिए.
प्रशासनिक बैठक के बाद मुख्यमंत्री करीब के एक गांव में पहुंची. वहां उन्होंने गांव के लोगों के साथ बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना. कुछेक समस्याओं के निपटारे के लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिये.