कोलकाता : करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के मौके पर हर साल 26 जुलाई को पूरे देश में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस बार भी लोगों ने पूरे जोश-खरोश के साथ करगिल विजय दिवस मनाया. देश के अन्य हिस्सों में भी लोगों ने अपने-अपने तरीके से करगिल विजय दिवस मनाया. कई स्कूलों में इस मौके पर निबंध प्रतियोगिता व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
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महानगर में मना करगिल विजय दिवस
कोलकाता : करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के मौके पर हर साल 26 जुलाई को पूरे देश में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस बार भी लोगों ने पूरे जोश-खरोश के साथ करगिल विजय दिवस मनाया. देश के अन्य हिस्सों में भी लोगों ने अपने-अपने तरीके से करगिल विजय दिवस मनाया. कई […]
विभिन्न क्लबों द्वारा इस दिन प्रभात फेरी निकाली गयी और करगिल के शहीदों को याद किया गया. कोलकाता में मुख्य कार्यक्रम टाला पोस्ट ऑफिस के पास स्थित टाला फ्रेंड्स एसोसिएशन के सामने बस स्टैंड के पास स्थित उनकी मूर्ति पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा माल्यार्पण के साथ हुआ.
सुबह से ही विभिन्न संस्थाओं और पार्टियों की ओर से कनाद की मूर्ति पर फूल-माला चढ़ा कर करिगल युद्ध को याद करते हुए करगिल विजय दिवस मनाया गया. टाला में कैप्टन कनाद भट्टाचार्य का ननिहाल था. 25 साल की उम्र में करगिल के पहले उन्हें शहीद का दर्जा हासिल हुआ. चूकि उनके पिता आयकर विभाग में काम करते थे, इसलिए अक्सर उनके पिता का तबादला होता था. इसलिए उनकी मां उनकी बहन को साथ लेकर ननिहाल में ही रहती थीं. बहन की शादी के बाद मां टाला में ही रहती थीं.
करगिल युद्ध के दौरान कनाद की मौत के बाद वह अपने बेटी के साथ अब दिल्ली में रह रही हैं. कोलकाता स्थित घर उन्होंने बेच दिया है. लेकिन कनाद की यादें आज भी यहां के स्थानीय लोगों के बीच हैं. कल्याण चौधुरी उस घर को खरीदे हैं, जिसमें कनाद रहते थे. उनका कमरा आज भी उनकी यादों के साथ संरक्षित रखा गया है. कल्याण की हार्दिक इच्छा है कि उस घर को वह कैप्टन कनाद की याद में संग्रहालय बनायें.
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