कोलकाता : राज्य सरकार ने पब्लिक फंड और उपलब्ध मानवशक्ति के और बेहतर इस्तेमाल के लिए उन सभी कंपनियों, काॅर्पोरेशन, अंडरटेकिंग आदि जिनका मालिकाना राज्य सरकार के पास आंशिक रूप से है या उन्हें नियंत्रित करती है, उनके ठेका/कैजुअल/पीस रेटेड/डेली रेटेड वर्कर को सरकार के अन्य कार्यालयों, संस्थानों में इस्तेमाल किया जायेगा.
उनकी सेवा में सुधार की मांग अरसे से रही है. लिहाजा सरकार ने फैसला किया है कि ऐसे कर्मी जिन्होंने लगातार 10 वर्षों तक पूर्व के संस्थान में लगातार काम किया है और हर वर्ष कम से कम 240 दिन काम किया है, उन्हें समान दर्जे पर रखा जायेगा, जब तक वह 60 वर्ष के नहीं हो जाते. इसके अलावा सरकार ने घोषणा की है कि उपरोक्त पारिश्रमिक हर वर्ष की जुलाई में तीन फीसदी की दर से बढ़ाया जायेगा.
60 वर्ष की आयु के बाद कर्मी को सेवांत हितलाभ तीन लाख रुपये मिलेगा. छुट्टी की सुविधा के तहत वर्ष में 30 दिन की छुट्टी मिलेगी और चिकित्सकीय कारणों के लिए 10 दिन की अतिरिक्त छुट्टी होगी. महिला कर्मी को 180 दिन की मातृत्व छुट्टी जरूरत पड़ने पर मिलेगी. हालांकि किसी भी कर्मी की सेवा को आपराधिक मामले/गलत आचरण/चूक आदि में शामिल पाये जाने पर तत्काल बर्खास्त किया जा सकता है.
ऐसे कर्मी खुद ही अनुबंध से बाहर हो सकते हैं. अनुबंध के दौरान कोई कर्मी जनता के जनता के धन के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष गबन, धोखाधड़ी, संस्थान के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करता है तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया जा सकता है. कर्मी की 60 वर्ष से पूर्व मौत की स्थिति में उसके कानूनी उत्तराधिकारियों को दो लाख रुपये की एकमुश्त रकम दी जायेगी. यह एक जुलाई से लागू हो चुका है.