कोलकाता : राज्य के अनुदान प्राप्त स्कूलों में छात्रों का एकेडमिक स्तर बढ़ाने के लिए एक बार फिर से सीसीइ (कंटीन्युअस एंड कम्प्रिहेंसिव इवैल्यूएशन) प्रणाली के क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है.
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स्कूलों में सीसीइ प्रणाली के क्रियान्वयन पर जोर
कोलकाता : राज्य के अनुदान प्राप्त स्कूलों में छात्रों का एकेडमिक स्तर बढ़ाने के लिए एक बार फिर से सीसीइ (कंटीन्युअस एंड कम्प्रिहेंसिव इवैल्यूएशन) प्रणाली के क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है. इस प्रणाली के माध्यम से यूनिट टेस्ट के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई का नियमित मूल्यांकन किया जायेगा. कक्षा पांचवीं से आठवीं […]
इस प्रणाली के माध्यम से यूनिट टेस्ट के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई का नियमित मूल्यांकन किया जायेगा. कक्षा पांचवीं से आठवीं तक सीसीइ प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों के परफोरमेंस पर निगरानी रखी जायेगी.
प्रतिदिन कक्षा में बच्चे क्या पढ़ रहे हैं, कितने विषय की नियमति क्लास हो रही है व सिलेबस कहां तक पहुंचा है, इसकी रिपोर्ट स्कूलों को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भेजनी होगी.
बोर्ड की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि पूरे साल भर, कक्षा पांचवीं से आठवीं तक के बच्चों के अध्ययन व उनके अन्य कार्यों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए.
सभी छात्रों का एक रिकार्ड तैयार कर उनकी योग्यता व दक्षता को नियमित परखा जाये, तभी उनके अंदर सुधार आयेगा. इस विषय में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एडमिनिस्ट्रेटर कल्याणमय गांगुली ने बताया कि छात्र स्कूल में प्रतिदिन क्या पढ़ रहे हैं, यूनिट टेस्ट में वे कितना अंक ला रहे हैं, इस पर भी नजर रखी जाये.
सीसीइ के जरिये बच्चों की मेधा को विकसित करने की पहल शिक्षकों को करनी होगी, तभी क्वालिटी शिक्षा का लक्ष्य पूरा होगा. क्लास में शिक्षकों को बच्चों के लिए ज्यादा मेहनत करने के साथ उनका नियमित मूल्यांकन करने पर जोर दिया जा रहा है.
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