कोलकाता: एक तरफ स्कूल में पढ़ाई का दवाब और शिक्षकों द्वारा होम वर्क नहीं करने पर डांट व फटकार का दबाव एवं दूसरी तरफ घर में माता-पिता से स्कूल जाने की जिद. दोनों तरफ से दबाव में आकर एक किशोर ने स्कूल को ही जला देने का निर्णय कर किया.
मन में इसकी साजिश भी रच कर उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए वह बच्च स्कूल में पेट्रोल लेकर पहुंचा. लेकिन मौका मिलते ही पेट्रोल छिड़क कर स्कूल को जलाने की कोशिश के पहले वह खुद अपना पैर जला बैठा. गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भरती कराया गया है, जहां उसकी हालत चिंताजनक बतायी गयी है.
क्या था मामला : तिलजला इलाके के गुलाम जिलानी खान रोड में स्थित अंगरेजी माध्यम स्कूल में बिजली से लगी आग में पैर जलने के कारण 13 वर्षीय छात्र को अस्पताल में भरती कराया गया था. घटना बुधवार सुबह स्कूल के शौचालय में घटी थी. घायल छात्र उस स्कूल में तीसरे कक्षा का छात्र है. स्कूल के शिक्षकों से लेकर पुलिस कर्मियों को बच्चे के बयान पर शक हो रहा था. शुक्रवार को बच्चे से प्यार से पूछने पर पुलिस को जब सच्चई का पता चला तो सभी को होश उड़ गये.
पढ़ाई के दबाव में स्कूल जलाने का किया खुलासा : पूछताछ में पुलिस की मौजूदगी में घरवालों को किशोर ने बताया कि घर से उसे स्कूल जाने का दबाव था. लेकिन स्कूल में पढ़ाई का कुछ ज्यादा ही बोझ उसे दिया जा रहा था. स्कूल का अनुशासन और होमवर्क के बोझ को वह सह नहीं पा रहा था. कई बार घर में अपने मन की समस्या की बात भी कही, लेकिन किसी को उसका साथ नहीं मिल रहा था. इसके लिए अंत में पढ़ाई से राहत के लिए उसने स्कूल को ही जला डालने का निर्णय लिया. बुधवार को जेब में एक बोतल में पेट्रोल लेकर स्कूल के शौचालय में जाकर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. आग जल्दी से फैलने के कारण वह खुद भी इसकी चपेट में आ गया. उसकी चीख को सुनकर स्कूल के शिक्षक शौचालय गये और बच्चे को वहां से अस्पताल ले गये. परिवार व शिक्षक की डांट से बचने के लिए पुलिस को उसने बिजली से झटके से जलने की बात शुरुआत में कही थी.