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खाद्य उत्पादन संगठन व सहभागी खेती से किसानों का होगा विकास – अब्दुर रज्जाक मोल्ला

कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार यहां किसानाें की आमदनी बढ़ाने व उनके विकास के लिए खाद्य उत्पादन संगठन (फूड प्रोड्यूसिंग ऑर्गेनाइजेशन : एफपीओ) व सहभागी खेती (पार्टिसिपेटिंग फार्मिंग) पर विशेष जोर दे रही है. राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक राज्य सरकार ने 30 एफपीओ बनाये हैं. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के खाद्य प्रसंस्करण […]

कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार यहां किसानाें की आमदनी बढ़ाने व उनके विकास के लिए खाद्य उत्पादन संगठन (फूड प्रोड्यूसिंग ऑर्गेनाइजेशन : एफपीओ) व सहभागी खेती (पार्टिसिपेटिंग फार्मिंग) पर विशेष जोर दे रही है. राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक राज्य सरकार ने 30 एफपीओ बनाये हैं.

यह जानकारी मंगलवार को राज्य के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अब्दुर रज्जाक मोल्ला ने मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित सेमिनार में दी. उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को लेकर एफपीओ बनाया गया है और इसका कंपनी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन किया गया है.

राज्य सरकार इन एफपीओ के माध्यम से किसानों को सभी प्रकार की तकनीकी सुविधा प्रदान कर खेती करा रही है. इससे उनकी फसल अच्छी हो रही है और उनके उपज की उन्हें बेहतर कीमत मिल रही है. साथ ही यहां से उत्पादित फसल के लिए मार्केट भी तैयार कर रही है, ताकि वह अपने उत्पादों को उचित कीमत पर बेच सकें.

खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अब्दुर रज्जाक मोल्ला ने निजी कंपनियों को किसानों के साथ मिलकर सहभागी खेती (पार्टसिपेटिंग फार्मिंग) करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसानाें के साथ मिल कर अगर निजी कंपनियां काम करती हैं, तो उससे किसान व कंपनी दोनों को फायदा होगा. इस योजना के तहत निजी कंपनियां अपनी मांग के अनुसार किसानों को उन्नत किस्म के बीज मुहैया करा कर खेती करायेंगे और फिर उसे उचित बाजार मूल्य पर सीधे उनसे खरीदेंगे.
इससे कंपनियों को उनकी मांग के अनुसार उत्पाद भी मिल जायेगा और किसानों को उनकी उपज की सही कीमत भी. उन्हाेंने निजी कंपनियों को इस दिशा में ध्यान देने की अपील की. इस मौके पर खाद्य प्रसंस्करण विभाग की प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि बंगाल में फल व सब्जी उत्पादन अन्य राज्यों से कहीं अधिक होता है, इसलिए यहां कोल्ड चेन, मल्टी पर्पस कोल्ड स्टोरेज, पोस्ट हार्वेसिंग मैनेजमेंट सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश किया जा सकता है.
अगर कोई कंपनी इस क्षेत्र में निवेश करती है, तो राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है. इस मौके पर एमसीसीआइ के अध्यक्ष विशाल झाझरिया ने स्वागत भाषण रखा, जबकि आइआइटी खड़गपुर के कृषि व खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर डीके स्वेन व हॉर्टिकल्चर विभाग के निदेशक डॉ पीके प्रमाणिक ने खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के विकास के संबंध में अपने विचार रखे. एमसीसीआइ में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण की स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.

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