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पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब के बंगाली अनुवाद का विमोचन

जेआइएस द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब के बंगाली अनुवाद का विमोचन (5 भागों में) देश के पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने किया कोलकाता : देश के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी द्वारा शुक्रवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब (5 वोल्यूम्स) का बंगाली संस्करण जारी किया गया. शुक्रवार का दिन एक ऐतिहासिक […]

जेआइएस द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब के बंगाली अनुवाद का विमोचन (5 भागों में) देश के पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने किया

कोलकाता : देश के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी द्वारा शुक्रवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब (5 वोल्यूम्स) का बंगाली संस्करण जारी किया गया. शुक्रवार का दिन एक ऐतिहासिक दिन रहा, जहां पवित्र सिख पुस्तक ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ को ( 5 वोल्यूम में ) बंगला भाषा में जारी किया गया है. रामकृष्ण मिशन ऑफ कल्चर, (गोलपार्क) में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के बंगला में अनुवादित ग्रंथ (5 वोल्यूम्स) का विमोचन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा किया गया.
इस माैके पर रामकृष्ण मिशन ऑफ कल्चर, (गोलपार्क) के महासचिव स्वामी सुपरनानंदा महाराज, राज्यसभा के सदस्य सरदार त्रलोचन सिंह, पूर्व ओलम्पियन सरदार गुरबक्ष सिंह व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे. श्री गुरु ग्रंथ साहिब का बंगला अनुवाद (पांच खंडों में ) हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित दादा लक्ष्मण चेलाराम पब्लिकेशन द्वारा किया गया. अनुवाद प्रक्रिया को चार साल की अवधि में अनुवादक चयन घोष व झूमा घोष ने गहन भक्ति भाव से पूरा किया. इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी का पल है, कि जब सालों की मेहनत के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब का नया संस्करण बंगला में प्रकाशित किया गया है.
इसको जारी करते हुए काफी खुशी हो रही है. इस पवित्र ग्रंथ से लाखों लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है. इस प्रकाशन के साथ ही समाज में मानवीय चेतना, सौहार्द की नयी सुगंध फैलेगी. सबको रचने वाला, सबका मालिक एक है, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की यह वाणी सभी बंगाली परिवारों के पास पहुंचेगी, तो वातावरण में एक अलग ही शांति व प्रेम का वातावरण बढ़ेगा. कार्यक्रम में स्वामी सुपर्नानंद महाराज ने कहा कि इस ग्रंथ साहिब के अन्य भाषा में रिलीज होने से कई लोगों को इसका लाभ मिलेगा. ग्रंथ की वाणी व वचनों से कई मनुष्यों की आध्यात्मिक शक्ति बढ़ेगी. स्पीकर रुशवीर सिंह ने कहा कि यहां के लोग विशेष रुप से सिख शिक्षा (गुरबानी) के साथ शुरू से ही रहे हैं.
रवींद्रनाथ टैगोर, राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानंद राय की कुछ प्रेरणादायी बातें भी समाहित की गयी हैं. इस मौके पर जेआइएस ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इनीशियेटिव के संस्थापक पिता सरदार जोध सिंह की बायोग्राफी रिलीज की गयी. यह कठिन काम श्री धीरज सार्थक व डॉ अरविंद यादव की लेखनी से सम्पन्न हुआ.
कार्यक्रम में जेआइएस, यूनिवर्सिटी के चांसलर व जेआइएस ग्रुप के प्रबंध निदेशक सरदार तरणजीत सिंह ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरे बहुत सम्मान व गर्व की बात है कि हमारा पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब बंगला में अनुवादित होने के बाद मेरे पश्चिम बंगाल राज्य के कई घरों में पहुंचेगा. खुशी इस बात की भी है कि इस पवित्र मौके पर मेरे पिताजी व जेआइएस ग्रुप के संस्थापक स्व. सरदार जोध सिंह की बायोग्राफी भी यहां जारी की गयी है.
स्व. सरदार जोध सिंह की बायोग्राफी पढ़ कर कई लोग व युवा प्रेरित होंगे. स्व. जोध सिंह ने जेआइएस ग्रुप के एक कर्णधार व स्थापक फादर के रूप में इस संस्थान की नींव रखी. आज जेआइएस की कई शाखाएं देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रूप से चल रही हैं.

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