कोलकाता: केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार बनने के बाद राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ उसकी खींचतान शुरू हो गयी है. राज्य के शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने आरोप लगाया है कि मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार ने पूर्व में यूपीए (दो) सरकार द्वारा मंजूर की गयी दो परियोजनाओं को रद्द कर दिया है.
ये परियोजनाएं जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्युअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत पूर्व सरकार ने मंजूर की थी. इनमें एक परियोजना उलबेड़िया नगरपालिका के तहत जल संयंत्र परियोजना के दूसरे चरण के निर्माण का था. यह 47 करोड़ रुपये की परियोजना थी. दूसरी परियोजना कोलकाता नगर निगम के टाला टैंक में नौ एमजी क्षमतावाले वर्षो पुराने टैंक की मरम्मत का था. यह परियोजना 67 करोड़ रुपये की थी.
उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार ने बिना कोई कारण बताये पूर्व सरकार की ओर से मंजूर की गयीं परियोजनाओं को रद्द कर दिया है. यह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है और तुच्छ राजनीति से प्रेरित होकर किया गया है.
उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार इसका विरोध करेगी. केंद्र की एजेंसियों रेल, पोर्ट ट्रस्ट व रक्षा मंत्रलय के असहयोग के कारण कई परियोजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
फिरहाद हकीम ने दावा किया कि केंद्र सरकार जेएनएनयूआरएम परियोजना का नाम बदलना चाहती है. राज्य सरकार को नाम बदलने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन परियोजनाएं रद्द नहीं होनी चाहिए. इन परियोजनाएं में केंद्र की भागीदारी मात्र 35 फीसदी होती है, बाकी राशि राज्य सरकार, निगम व नगरपालिका देती है.
1850 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा
उधर, बिजली मंत्री मनीष गुप्ता ने विधानसभा में बताया कि 40 सब स्टेशनों की मदद से 1850 मेगावाट अतिरिक्त बिजला का उत्पादन किया जायेगा. वर्ष 2012-13 में पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी में 31 लाख 60825 उपभोक्ताओं का पंजीकरण किया गया है.