कोलकाता: आर्थिक वर्ष 2014-15 के लिए कोलकाता नगर निगम का बजट पास हो गया. गौरतलब है कि मेयर शोभन चटर्जी ने शुक्रवार को 165.45 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया था. बजट पर सोमवार एवं मंगलवार को बहस हुई.
मंगलवार को अंतिम दिन सभी विपक्षी दलों ने तृणमूल बोर्ड के इस बजट को निशाना बनाया. भाजपा पार्षद विजय ओझा ने बजट का विरोध करते हुए कहा कि इसमें केवल शहर को सजाने-संवारने एवं घरों को नीले व सफेद रंग में रंगने के अलावा कुछ भी नहीं है. तृणमूल के इस बोर्ड में सबसे अधिक राज्य की व्यावसायिक राजधानी बड़ाबाजार की उपेक्षा की गयी है. जबकि राज्य एवं निगम को सबसे अधिक बजट बड़ाबाजार से ही आता है. मेयर ने अपने बजट में बड़ाबाजार के विकास की बात तो दूर उसका जिक्र तक नहीं किया है. जबकि शहर का यह अतिव्यस्त इलाका पार्किग, सफाई, जल आपूर्ति जैसे सभी महत्वपूर्ण समस्याओं से जूझ रहा है.
बजट पर बहस के अंतिम दिन वाममोरचा पार्षद दीपू दास जब अपनी बात रख रही थी, तभी सत्ता पक्ष की ओर से उनपर आवाजें कसी गयी, जिससे खफा होकर वाममोरचा के सभी पार्षद सदन का बहिष्कार कर बाहर निकल गये. कांग्रेस ने भी बजट का विरोध किया. मेयर परिषद सदस्य देवब्रत मजुमदार ने कहा कि वाममोरचा के शासनकाल में घाटा काफी बढ़ गया था, जिसे हम लोग काफी कम करने पाने में सक्षम हुए हैं. बजट पर जवाब देते हुए मेयर ने कहा कि हमारा लक्ष्य कोलकाता को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना है. इसके लिए इस शहर को इस वर्ष के अंत तक कूड़ेदान मुक्त शहर बनाया जायेगा. शहर को सुंदर बनाने के लिए ही घरों को नीले व सफेद रंग में रंगने पर संपत्ति कर में छूट का एलान किया गया है. तट पर हुए सौंदर्यीकरण से हम सभी गर्वित महसूस करते हैं. इसके साथ ही जल्द ही महानगर वासियों को 100 मिलियन गैलेन अतिरिक्त जल उपलब्ध कराया जायेगा.