कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर 30 बी हरिश चटर्जी स्ट्रीट में सीबीआइ का नोटिस भेजने पर तृणमूल कांग्रेस भड़क उठी है.पार्टी की ओर से इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया है. यह नोटिस ममता के घर पर बने दफ्तर में पिछले 40 वर्षों से सचिव की भूमिका निभा रहे माणिक मजूमदार के लिए भेजा गया है. इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस को दो सांसदों डेरेक ओ ब्रायन और सुब्रत बख्शी के अलावा साॅल्टलेक में रहनेवाले तृणमूल कांग्रेस के एक पूर्व सांसद के घर पर भी इसी तरह का नोटिस भेजा गया है. पत्र में सभी लोगों को 10 से 13 दिसंबर के बीच सीबीआइ दफ्तर सीजीओ कंप्लेक्स में आने को कहा गया है.
तृणमूल कांग्रेस की ओर से इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया जा रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि जिन लोगों को बुलाया गया है, उसमें कोई भी सीबीआइ दफ्तर नहीं जायेंगे. इसके पीछे भाजपा द्वारा डराने की नीति को बताया जा रहा है. लिहाजा तृणमूल कांग्रेस इसका राजनीतिक स्तर पर मुकाबला करेगी और अंजाम की परवाह नहीं करेगी.
हालांकि सीबीआइ का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र जागो बांग्ला को दान में जो रकम मिली है, उसकी जानकारी लेना चाहते हैं. लिहाजा आयकर दफ्तर व बैंक में मुखपत्र का जो पता दिया गया है, पत्र वहीं भेजा गया है.
सीबीआइ का कहना है कि कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्र लौटाते हुए कहा है कि यह गलत पते पर गया है. क्योंकि उस पते पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रहती हैं. बाद में सीबीआइ ने वह नोटिस मानिक मजूमदार के घर पर भेज दिया है.
सीबीआइ का दावा है कि आठ साल पहले जागो बांग्ला पत्रिका के लिए धन संग्रह अभियान के तहत मुख्यमंत्री की तस्वीरों को लेकर एक प्रदर्शनी लगायी गयी थी. उसमें बिकी तस्वीरों का पैसा जागो बांग्ला के खाते में गया था.
सीबीआइ का दावा है कि इसमें कुछ लोग गलत तरीके से चिटफंड कंपनियों की ओर से मिले पैसे से तस्वीर खरीदे थे. इसमें सारधा व रोजवैली जैसी कंपनियों के 30 लाख रुपये लगे थे. इन पैसों से खरीदी गयी तस्वीरों में से अब तक 15 बरामद हो गयी है. सीबीआइ का दावा है कि उक्त धन लेनेवालों में मानिक मजूमदार, डेरेक ओ ब्रायन और सुब्रत बख्शी के अलावा एक पूर्व सांसद का नाम भी है. इसलिए माणिक मजूमदार के बताये पते पर सीबीआइ ने नोटिस भेजी थी.