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कोलकाता : गैस उत्पादन के लिए राज्य में 21000 करोड़ रुपये का निवेश
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शेल गैस निकालने के लिए 21 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला है. सोमवार को राज्य सरकार के वित्त व उद्योग विभाग की ओर से इस बारे में विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी गयी है. रानीगंज (दक्षिण ब्लॉक से शेल गैस निकालने के लिए, ग्रेट ईस्टर्न एनर्जी कॉरपोरेशन […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शेल गैस निकालने के लिए 21 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला है. सोमवार को राज्य सरकार के वित्त व उद्योग विभाग की ओर से इस बारे में विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी गयी है. रानीगंज (दक्षिण ब्लॉक से शेल गैस निकालने के लिए, ग्रेट ईस्टर्न एनर्जी कॉरपोरेशन लिमिटेड (जीईईसीएल) 10 वर्षों की अवधि में 14,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
जीईईसीएल के सीईओ के मुताबिक, रानीगंज ब्लॉक में शेल गैस भंडारित होने की मात्रा 6.63 लाख करोड़ घन फीट होने का अनुमान है, जिसमें से 1.7 लाख करोड़ घन फीट निकालने योग्य है. कंपनी अगले वर्ष के पहले छमाही में गैस निकालने के लिए कुएं खोदना शुरू कर देगी.
इसके अलावा शेल गैस निकालने के लिए एस्सार ऑयल और गैस द्वारा 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, इस प्रकार कुल निवेश 21,000 करोड़ रुपये का होगा. शेल गैस के अलावा, रानीगंज (दक्षिण) ब्लॉक में 2.63 लाख क्यूबिक फीट कोयला बेड मीथेन (सीबीएम) भी है, जिसका मूल्य (अनियंत्रित दर) 1,378 करोड़ डॉलर है. इसे भी निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी सप्लाई किया जा सकेगा.
ज्ञात हो कि कोयले की खदान से निकलने वाली प्राकृतिक गैस को कोल बेड मीथेन कहा जाता है जबकि शेल गैस तलछट चट्टान परतों में पाई जाती हैं. इन दोनों में गैसों का इस्तेमाल घरेलू और वाणिज्यिक ईंधन के तौर पर किया जाता है.
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